नई दिल्ली: साल 2014 के लोकसभा चुनाव में जब मोदी सरकार के नारे उठे तो कांग्रेस सरकार से नाखुश लोगों के दिल में एक उम्मीद नजर आई। उम्मीद की जा रही थी कि मोदी सरकार बनने के बाद उनके ‘अच्छे दिन’ जरूर आएंगे। इसी उम्मीद के साथ 17 करोड़ से ज्यादा लोगों ने बीजेपी को […]
नई दिल्ली: साल 2014 के लोकसभा चुनाव में जब मोदी सरकार के नारे उठे तो कांग्रेस सरकार से नाखुश लोगों के दिल में एक उम्मीद नजर आई। उम्मीद की जा रही थी कि मोदी सरकार बनने के बाद उनके ‘अच्छे दिन’ जरूर आएंगे। इसी उम्मीद के साथ 17 करोड़ से ज्यादा लोगों ने बीजेपी को वोट दिया। आज देश में मोदी सरकार के 9 साल पूरे हो गए है। ऐसे में जनता को जानना जरूरी है कि इन 9 सालों में समाज के मुद्दों का क्या हुआ?
देखा जाए तो इन नौ सालों में काफी कुछ बदल गया है। देश की GDP दोगुनी हो गई। आम आदमी की सालाना आय भी बढ़कर दोगुनी हो गई है। इन सभी के साथ महंगाई भी बढ़ गई है। पेट्रोल-डीजल से लेकर चावल-आटा तक के दाम में जबरदस्त उछाल आया है। ऐसे में मोदी सरकार के इन नौ सालों में कितने अच्छे दिन आए? आइए इस खबर में हम जानते हैं मोदी के राज में महंगाई का क्या हाल रहा है ?
साल 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के नारे का मतलब था अबकी बार महंगाई नहीं, अबकी बार मोदी सरकार’। लेकिन मोदी सरकार में महंगाई हद से ज़्यादा बढ़ी है। पेट्रोल और डीजल के दाम आसमान छू चुके हैं। 9 साल में पेट्रोल के दाम 24 रुपये और डीजल के दाम 34 रुपये प्रति लीटर से ज्यादा बढ़ चुके हैं। पेट्रोल-डीजल के अलावा सिलेंडर गैस के दाम भी तेजी से बढ़े हैं।
मोदी सरकार से पहले जनता को सब्सिडी वाला सिलेंडर 414 रुपये में मिलता था। लेकिन आज आलम ऐसा है कि सिलेंडर पर अब नाममात्र की सब्सिडी दी जाती है। अभी रसोई गैस सिलेंडर की कीमत 1100 रुपये तक पहुंच गई है। इतना ही नहीं, 9 साल में एक किलो आटे के दाम 52%, एक किलो चावल के दाम 43%, एक लीटर दूध के दाम 56% और एक किलो नमक के दाम 53% बढ़ गए हैं।
अब प्रधानमंत्री मोदी के सामने सबसे बड़ी चुनौती देश की अर्थव्यवस्था को चालू रखने की है। पहले कोरोना महामारी और फिर रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध ने दुनिया भर में आर्थिक मंदी की आशंका पैदा कर दी। बड़ी-बड़ी अर्थव्यवस्थाएं हिल रही हैं। अमेरिका भी डिफ़ॉल्ट के कगार पर है। दुनिया भर में महंगाई बढ़ रही है। पेट्रोल और डीजल के दाम आसमान छू रहे हैं। अब प्रधानमंत्री मोदी को इन सभी चुनौतियों से पार पाना है।