नई दिल्ली. गृह मंत्रालय की ओर से एक आदेश जारी किया गया है जिसके तहत अब इंटेलिजेंस ब्यूरो NIA के साथ 10 ऐसी केंद्रीय एजेंसियों होगी जो अपके कम्प्यूटर डाटा को चेक कर सकती हैं. इसके जरिये ये केन्द्रीय एजेंसियां किसी भी कम्प्यूटर में मौजूद डाटा सहित किसी भी सूचना की जानकारी की निगरानी कर सकती हैं. इन 10 केन्द्रीय एजेंसियों में इंटेलिजेंस ब्यूरो, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, प्रवर्तन निदेशालय, सेंट्रल टैक्स बोर्ड, राजस्व खुफिया निदेशालय, केन्द्रीय जांच ब्यूरो, राष्ट्रीय जांच एजेंसी, कैबिनेट सचिवालय (RAW), डायरेक्टरेट ऑफ सिग्नल इंटेलिजेंस (जम्मू-कश्मीर, नार्थ-ईस्ट और असम के क्षेत्रों के लिए), और पुलिस आयुक्त दिल्ली भी इनमें शामिल हैं. बता दे गृह मंत्रालय के आदेशानुसार अगर इन एजेंसियों को जांच करने से रोका जायेगा तो ऐसे में 7 साल की कैद और जुर्माना लग सकता है.

वहीं दूसरी और गृह मंत्रालय के इस फैसले की राजनीति के कई बड़े नेता जमकर आलोचना कर रहे हैं उनका मानना है कि ऐसे जनता के निजी जानकारियों में दखल देना बिल्कुल गलत है. विपक्ष के कई नेताओं ने इस फैसले को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोल दिया है. ऐसे में इस मामले पर विपक्षी दल के नेता ट्वीट करके अपनी राय रख रहे हैं.

इस मामले पर ट्वीट करते हुए कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा है कि विधानसभा चुनाव हारने के बाद मोदी सरकार अब लोगों के कम्प्यूटर में तांक झांक करेगी, जनता कि जासूसी करना मोदी सरकार की योग्यता के स्तर को बताता है. और कहा कि अब की बार निजता पर वार.

इसके अलावा बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपनी राय रखते हुए कहा है कि मुझे पता चला है गृह मंत्रालय की ओर से जारी आदेश के बारे में अगर यह केवल राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए है तो इसके लिए केंद्र सरकार के पास पहले से ही मशीनरी है ऐसे में आम जनता को क्यों परेशान किया जायेगा.

इसके साथ ही कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने भी इस फैसले पर हस्तक्षेप करते हुए कहा है कि मुझे इस मामले की पूरी जानकारी नहीं है लेकिन यदि कोई लोगों के कम्प्यूटर पर नजर रखने जा रहा है तो यह एक ऑवरेलियन राज्य है यानी जैसे जार्ज ऑरवेल को स्वंतत्र समाज के लिए विनाशकारी के तौर पर पहचाना जाता है.

 

वहीं दूसरी और सीपीएम के नेता सीताराम येचुरी ने भी इस मामले पर अपनी राय रखते हुए कहा कि केंद्र सरकार का यह फैसला असंवैधानिक है. ऐसे सभी भारतीयों को अपराधी की नजर से देखना गलत है.

 

गौरतलब है कि कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने भी गृह मंत्रालय की ओर से जारी आदेश का विरोध कते हुआ कहा है कि यह फैसला सूचना की निगरानी के तौर पर बिल्कुल भी सही नहीं है किसी के भी व्यक्ति के कम्प्यूटर में उसकी निजी जानकारी, बैलेंस और फोन कॉल आदि की तांक झांक करना गलत है. साथ ही इसका दुरूपयोग होने की संभावना भी है.

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