नई दिल्ली : फेस पैक लगाने का चलन कई सालों से रहा है. लड़कियां खूबसूरत दिखने के लिए अपने चेहरे पर तरह-तरह के ब्यूटी प्रोडक्ट का इस्तेमाल करती हैं.हंगरी की महारानी एलिजाबेथ बाथरी के बारे में कहा जाता है कि दशकों पहले वह खूबसूरत दिखने के लिए बच्चों के ताजे खून से नहाया करती थीं. खून और खूबसूरती की कई कहानियां मौजूद हैं. पैरानॉर्मल कहानियों में जैसे डायनें, भूत पिशाच आदि खून का इस्तेमाल अपनी खूबसूरती बढ़ाने और जादू-टोने में करती हैं आदि. लेकिन आज के समय में भी ऐसा संभव है क्या?
इन दिनों वायरल हो रहा एक हैरान कर देने वाला ट्रेंड ऐसा ही है जहां सोशल मीडिया पर कुछ लड़कियों ने खूबसूरती और खून के कनेक्शन को और गहरा दिया है. दरअसल इन दिनों यूरोप और अमेरिका के कुछ हिस्सों में महिलाएं और लड़कियां अपने पीरियड्स माहवारी का खून खुद के चेहरे पर लगा रही हैं. इन सब चीज़ों की शुरुआत एक टिकटॉक ट्रेंड से हुई जहां 27 साल की लौरा टेक्सीरिया और 22 वर्षीय गैब्रिएल श्लेगल ने अपने सोशल मीडिया पर इसे शेयर किया. दोनों का कहना है कि पिछले कई वर्षों से वह पीरियड्स से आने वाले खून से बने मास्क का इस्तेमाल कर रही हैं. और इसके कई फायदे भी हैं.
इस चीज़ से संबंधित कई तस्वीरें भी इंटरनेट की दुनिया में घूम रही हैं. ऐसा करने वाली महिलाओं का दावा है कि वह खून को अपने चेहरे पर लगाकर ख़ुद को ताकतवर महसूस करती हैं. साथ ही ये उन्हें खूबसूरत बनाता है. सोशल मीडिया की दुनिया में इसे ‘मेंसुरेशन मास्किंग’ का नाम दिया गया है.
यौवन के लिए खून के इस्तेमाल की बात काफी लंबे समय से होती आई है. लेकिन इस बार सोशल मीडिया के इस ट्रेंड ने पूरी दुनिया के होश उड़ा दिए हैं. ऐसी महिलाओं की तादाद यूरोप और अमेरिका में बहुत ज़्यादा है जो पीरियड ब्लड को नैचुरल ब्यूटी ट्रीटमेंट के तौर पर आजमा रही हैं. महिलाओं का मानना है कि यह बॉडी की नैचुरल चीज़ है और इसमें कोई तत्व मौजूद हैं जो स्वास्थ के लिए अच्छे माने जाते हैं. हैरानी तो इस बात की है कई लड़कियां और कम्पनीज़ इस ट्रेंड का फायदा उठाते हुए अपने मेंसुरेशन ब्लड को ऑनलाइन बेच भी रही हैं.
इसी पूरे ट्रेंड को लेकर कई डॉक्टर्स ने भी अपनी राय रखी है. जहां डॉक्टर्स का कहना है कि पीरियड के खून को फेस मास्क के रूप में इस्तेमाल करने से त्वचा में संक्रमण हो सकता है. इतना ही नहीं प्राइवेट पार्ट में कोई इंफेक्शन हुआ तो वह सीधे तौर पर चेहरे पर आ सकता है. हालांकि इस बात पर कोई रिसर्च नहीं हुई है लेकिन कई डॉक्टर्स ने इसे केवल बेवकूफी ही बताई है. डॉक्टर्स का कहना है कि इस तरह की चीज़ को बिना किसी रिसर्च के आज़माना नहीं चाहिए. स्किन मास्टरक्लास की फाउंडर सिगडेम केमल यिलमाज ने भी इस ट्रेंड पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उनका कहना है कि इससे कई हाइजीन इश्यू हो सकते हैं।
तवांग: हमारे वीर जवानों ने की जमकर पिटाई…अपनी सीमा की ओर भागते नजर आए चीनी सैनिक, देखें वीडियो
TMC सांसद महुआ मोइत्रा ने सरकार पर साधा निशाना, आंकड़े गिना कर पूछा- ‘असली पप्पू’ कौन है?
9 जनवरी 2022 को गुरु गोविंद सिंह जी के प्रकाश पर्व पर पीएम मोदी ने…
उत्तर प्रदेश केबांदा जिले से ऐसे हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां…
IRCTC की ऐप और वेबसाइट गुरुवार को फिर डाउन हो गई। इसकी वजह से यात्रियों…
गुजरात के बाजीपुरा गांव के निवासी विपुल भाई पवार का परिवार हरिद्वार के संतमत घाट…
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के तहत पांच मैचों की टेस्ट सीरीज खेली…
लॉकडाउन के दौरान प्रवासियों और श्रमिकों के मसीहा बनकर उभरे अभिनेता सोनू सूद ने अपनी…