अचानक आतंकियों के जनाजे में पहुंचीं महबूबा! फूट-फूट कर रोने लगीं, भाजपा और कांग्रेस दोनों भड़के

श्रीनगर/नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव की रणभेरी बज चुकी है. कुछ ही दिनों बाद यहां असेंबली इलेक्शन के लिए वोटिंग होगी. इस बीच सभी राजनीतिक दल J&K के लोगों को लुभाने में जुटे हुए हैं. अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है पीडीपी इन दलों में मुफ्ती परिवार की पार्टी पीडीपी (पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी) भी […]

Advertisement
अचानक आतंकियों के जनाजे में पहुंचीं महबूबा! फूट-फूट कर रोने लगीं, भाजपा और कांग्रेस दोनों भड़के

Vaibhav Mishra

  • September 15, 2024 11:37 am Asia/KolkataIST, Updated 2 months ago

श्रीनगर/नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव की रणभेरी बज चुकी है. कुछ ही दिनों बाद यहां असेंबली इलेक्शन के लिए वोटिंग होगी. इस बीच सभी राजनीतिक दल J&K के लोगों को लुभाने में जुटे हुए हैं.

अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है पीडीपी

इन दलों में मुफ्ती परिवार की पार्टी पीडीपी (पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी) भी शामिल है. लोकसभा चुनाव में बुरी तरह मात खाई PDP इस बार अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है.पीडीपी की मुखिया महबूबा मुफ्ती ने अपनी बेटी इल्तिजा को चुनावी राजनीति में उतार दिया है. इल्तिजा अनंतनाग की बिजबेहरा सीट से चुनाव लड़ रही हैं.

इस बीच आइए हम आपको पीडीपी और महबूबा मुफ्ती की राजनीति से जुड़ा हुआ एक दिलचस्प किस्सा बताते हैं.

आतंकियों के जनाजे में जाती थीं महबूबा

बता दें कि जम्म-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी के संस्थापक मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी महबूबा 1996 में चुनावी राजनीति में उतरीं. बिजबेहरा सीट से ही उन्होंने अपना पहला चुनाव लड़ा था.

चुनाव प्रचार के दौरान महबूबा आम कश्मीरियों के साथ ही अलगाववादियों को भी लुभाने में जुटीं थीं. वह अचानक आतंकियों के जनाजे में पहुंच जातीं और उनके परिजनों के साथ रोने लगतीं. इस मुद्दे पर कश्मीर से लेकर दिल्ली तक खूब सियासत होती. महबूबा पर भड़की बीजेपी और कांग्रेस उन्हें रुदाली कहकर बुलाते थे.

Advertisement