बीजेपी के मंत्रियों के इस्तीफे के बाद भी नहीं गिरेगी महबूबा मुफ्ती की सरकार, जानिए राजनीतिक समीकरण

कठुआ रेप मामले पर जम्मू कश्मीर में सियासत गरमाती जा रही है. इस बीच राज्य में बीजेपी के सभी मंत्रियों ने पार्टी अध्यक्ष को इस्तीफा सौंप दिया है. माना जा रहा है कि बीजेपी अध्यक्ष बुधवार को मंत्रियों का इस्तीफा मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को सौंप सकते हैं. ऐसे में सवाल खड़ा हो रहा है कि आखिर इसके बाद राज्य में मुफ्ती की सरकार बनी रहेगी, गिर जाएगी या राष्ट्रपति शासन लागू होगा. बीजेपी के मंत्री लाल सिंह और चंद्र प्रकाश गंगा ने हिन्दू एकता मंच की रैली में जाकर कठुआ मामले की CBI जांच को समर्थन दिया था जिसके बाद यह फैसला हुआ.

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बीजेपी के मंत्रियों के इस्तीफे के बाद भी नहीं गिरेगी महबूबा मुफ्ती की सरकार, जानिए राजनीतिक समीकरण

Aanchal Pandey

  • April 17, 2018 10:02 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

जम्मू. जम्मू कश्मीर में बड़े राजनीतिक संकट के संकेत मिल रहे हैं. राज्य में बीजेपी के सभी मंत्रियों ने प्रदेश पार्टी अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंप दिया है. बीजेपी की कोर कमिटी की मीटिंग के बाद यह फैसला हुआ है. इस मामले में आगे क्या होने वाला इसे लेकर संशय बना हुआ है. कठुआ गैंगरेप मामले को लेकर राज्य में राजनीति गरमा रही है. इससे पहले बीजेपी के दो मंत्री चंद्र प्रकाश गंगा व चौधरी लाल सिंह इस्तीफा सौंप चुके हैं. सूत्रों के हवाले से खबर है कि यहां मंत्रीमंडल में फेरबदल को लेकर यह बड़ा कदम उठाया जा रहा है. वहीं इससे भी इंकार नहीं किया जा रहा कि महबूबा मुफ्ती सरकार पर कठुआ रेप मामले की सीबीआई जांच के लिए दवाब बनाया जा रहा है.

अगर बीजेपी अध्यक्ष यह इस्तीफा आगे बढ़ाते हैं तो महबूबा मुफ्ती की सरकार के लिए कोई खतरा नहीं है. क्यों बताया जा रहा है कि मामला सिर्फ मंत्रियों के इस्तीफे से जुड़ा है. बीजेपी पीडीपी गठबंधन पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा. 87 विधानसभा वाले राज्य में बीजेपी के 25 विधायक हैं. वहीं पीडीपी के 28 विधायक हैं. फारुख अब्दुल्ला की पार्टी नेशनल कांफ्रेंस के 15 विधायक हैं. कांग्रेस के 12 एमएलए हैं वहीं जम्मू कश्मीर प्युपिल्स कांफ्रेंस के दो विधायक हैं. एक विधायक मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी का है.

अगर किसी भी स्थिति में बीजेपी गठबंधन भी तोड़ लेती है उस स्थिति में कांग्रेस और उमर अब्दुल्ला की एनसी महबूबा मुफ्ती की पीडीपी को समर्थन दे सकती हैं. दोनों के पास कुल मिलाकर 27 विधायक हैं. दोनों पार्टियां पहले मिलकर सरकार बना चुकी हैं. माना जा रहा है कि राज्य की विरोधी पार्टियां एनसी और पीडीपी साथ हो सकती हैं ऐसे में मोदी विरोध में कांग्रेस भी समर्थन देने के लिए तैयार रहेगी.

राज्य में 2015 में विधानसभा चुनाव हुए थे. जिसमें किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत हासिल नहीं हुआ था. पीडीपी ने बीजेपी के साथ मिलकर मुफ्ती मोहम्मद सईद के नेतृत्व में सरकार बनाई थी. मुफ्ती सईद की कैबिनेट में बीजेपी कोटे से कुल 10 मंत्री शामिल किए गए थे. बीजेपी के डॉ निर्मल सिंह को उपमुख्यमंत्री बनाया गया. मुफ्ती सईद की मौत के बाद उनकी बेटी महबूबा मुफ्ती राज्य की कमान संभाल रही हैं.

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