नई दिल्ली, यूक्रेन और रूस के युद्ध में मेडिकल छात्रों की पढाई और करियर पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है. जहां मेडिकल छात्रों का भविष्य प्रश्नचिन्ह के कटघरे में है. अब इस मामले पर विदेश मंत्री जयशंकर मेडिकल छात्रों के लिए राहत देने का ऐलान किया है.
यूक्रेन संकट के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत की ओर से चलाए गए राहत अभियान का ज़िक्र किया. इस दौरान उन्होंने यूक्रेन में मेडिकल की पढाई कर रहे छात्रों के भविष्य संकट को लेकर भी बात की. उन्होंने बताया कि भारत सरकार इन छात्रों के लिए आगे की पढ़ाई जारी रखवाने के सभी प्रयासों में लगी है. साथ ही सरकार द्वारा पढाई पूरी न कर पाने वाले छात्रों के लिए छूठ देने का फैसला भी किया गया है.
विदेश मंत्री ने बताया कि तीसरे साल में पढ़ने वाले छात्रों के लिए KROK1 परीक्षा को अगले अकादमिक सेशन के लिए टाल दिया गया है. चौथे साल में ये परीक्षा काफी महत्वपूर्ण होती है. साथ ही मानकों के आधार पर छात्रों को अगले साल में दाखिला दिया जाएगा.
विदेश मंत्री इस जयशंकर ने KROK2 परीक्षा का ज़िक्र करते हुए कहा, छठे साल के छात्रों के लिए ये परीक्षा होती है. इस मामले में यूक्रेन की सरकार का फैसला आया है. जहां एकेडेमिक असेसमेंट के रिजल्ट के आधार पर उन्हें डिग्री दे दी जाएगी. उन्हें ये परीक्षा देने की कोई ज़रुरत नहीं होगी.
जयशंकर ने बताया की उन् छात्रों के लिए जो यूक्रेन और रूस के इस युद्ध में देश छोड़कर आ गए हैं. उनकी पढ़ाई जारी करवाने के लिए भारत सरकार अन्य देशों से बात कर रही है. ये वो देश हैं जहां एजुकेशन मॉडल यूक्रेन की तरह ही है. जिनमें हंगरी, चेक रिपब्लिक क और पोलैंड शामिल हैं.
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