मेडिकल प्रवेश घोटाला से जुड़े मामले पर भारत के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एंव राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को जल्द ही पत्र लिखकर इलाहाबाद हाईकोर्ट जज एसएन शुक्ला को हटाने की सिफारिश करेंगे. जज एसएन शुक्ला पर जूडिशियल मिसकंडक्ट करने का आरोप है.
नई दिल्ली: मेडिकल प्रवेश घोटाला से जुड़े मामले पर भारत के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एंव राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को जल्द ही पत्र लिखकर इलाहाबाद हाईकोर्ट जज एसएन शुक्ला को हटाने की सिफारिश कर सकते है. न्यायमूर्ति शुक्ला से न्यायिक कामकाज वापस ले लिया गया है. जज एसएन शुक्ला पर जूडिशियल मिसकंडक्ट करने का आरोप है. मेडिकल प्रवेश घोटाले में लिप्त होने के प्रमाण मिलने पर तीन जजों की इनहाउस कमिटी ने इस पूरे मामले में न्यायमूर्ति एसएन शुक्ला की भूमिका की जांच करते हुए मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा को रिपोर्ट सौंपी थी.
सूत्रों की माने तो तीन जजों के पैनल ने न्यायमूर्ति एसएन शुक्ला का बारे में प्रतिकूल टिप्पणी करते हुए चीफ जस्टिस से रिपोर्ट में एसएन शुक्ला को हटाने की सिफारिश की थी. दरअसल एक न्यायधीश को हटाने की प्रकिया महाभियोग को सामान है में संसद में सांसदों द्वारा मतदान कराया जाता है. रिपोर्ट मिलने के बाद सीजेआई मिश्रा ने जज एसएन शुक्ला को हटाने की सलाह दी है और इस मामले में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को पत्र लिखते हुए उन्हें पद से हटाने की सिफारिश की है. आंतरिक जांच के बाद न्यायमूर्ति शुक्ला से न्यायिक कामकाज वापस ले किया गया है. इससे उनके खिलाफ आगे की कार्रवाई का रास्ता भी साफ माना जा रहा है.
आपको बता दें मेडिकल प्रवेश घोटाले वह केस है जिसमें सरकारी प्रतिंबध होने के बावजूद कुछ मेडिकल कॉलेजों ने छात्रों को अवैध तरीके से दाखिला किया था. इस मामले में सेवानिवृत जज इशरत मसरूर कुद्दुसी) की गिरफ्तारी हुई थी. न्यायमूर्ति शुक्ला पर इस मामले में आरोप है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट में जज एसएन शुक्ला ने चीफ जस्टिस के फैसले के खिलाफ 2017-18 के शैक्षणिक वर्ष में छात्रों को प्रवेश देने के लिए निजी कॉलेजों को अनुमति दे दी थी. बीते साल 2017 के सिंतबर माह में चीफ जस्टिस से इस मामले में शिकायत की गई थी.
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