नई दिल्ली। दिल्ली एमसीडी चुनावों के लेकर जहां एक ओर पॉश इलाकों में कम मतदान हो रहा था वहीं यमुनापार में हुआ मतदान शीर्ष पर रहा, वहीं दूसरी ओर दिल्ली में हुए दंगे से प्रभावित क्षेत्रों के मतदाताओं में चुनावों को लेकर उत्साह दिखाई दिया। सबसे अधिक मतदान करने वाले 10 वार्डों में से सात वार्ड यमुनापार के हैं।
एमसीडी चुनावों में महिलाओ के लिए 50 आरक्षित वार्डो को लेकर भी असर साफ दिखाई दिया है। इस चुनाव में महिलाओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया हैं। दिल्ली में कुल मतदान 50.48 फीसदी हुआ, इसमें 51.03 फीसदी पुरुष जबकि 49.83 फीसदी महिलाओं ने हिस्सा लिया। इसके अलावा दिल्ली में 48 ऐसे वार्ड भी निकलकर सामने आए जहाँ महिलाओं का मत प्रतिशत पुरुषों के मुकाबले अधिक रहा। सरिता विहार, मंडावसी, आईपी एक्सटेंशन जैसे वार्डों में महिलाओं का मत प्रतिशत पुरुषों की अपेक्षा अधिक रहा है।
दिल्ली एमसीडी चुनाव मे दंगा प्रभावित वार्ड 6 चौहान बांगर, मुस्तफाबाद, सीलमपुर, बृजपुरी, कर्तमपुरी र नेहरू विहार वार्ड मे मतदान 60 फीसदी से अधिक हुआ है, यह क्षेत्र मुस्लिम बहुल होने के साथ-साथ गंगा प्रभावित भी है। दिल्ली दंगे के आरोपियों में से एक ताहिर हुसैन नेहरू विहार वार्ड का पार्षद भी रहा है। लेकिन इसके उलट मुस्लिम बहुल जाकिर नगर, ओखला, अबु फजल एनक्लेव, दिल्ली गेट, बल्ली मरान जैसे वार्ड में मतदाताओं ने मतदान में बिल्कुल भी उत्साह नहीं दिखाया है।
दिल्ली एमसीडी चुनाव में इस बार परिवर्तन होना लगभग तय है। मगर मतदान के बाद मतदाताओं की चुप्पी एवं वोटिंग प्रतिशत को देखकर मतगणना से पहले राजनेता कोई भी बड़ा दावा करते नज़र नहीं आ रहे हैं। इस दौरान आम आदमी पार्टी के एक नेता ने बस इतना ही कहा है कि, परिवर्तन तय है।
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