उत्तर प्रदेश: लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में गठबंधन को लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती ने कांग्रेस नेता पर तंज कशा है. उन्होंने आज प्रेस कांफ्रेंस के दौरान राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि कभी राजीव गांधी ने बीएसपी को बदमान करने के लिए कांशीराम को CIA एजेंट बताया था. आज उन्ही की राह […]
लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में गठबंधन को लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती ने कांग्रेस नेता पर तंज कशा है. उन्होंने आज प्रेस कांफ्रेंस के दौरान राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि कभी राजीव गांधी ने बीएसपी को बदमान करने के लिए कांशीराम को CIA एजेंट बताया था. आज उन्ही की राह पर चलकर वे भी बीएसपी पर गलत आरोप लगा रहे है. उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस ने शुरुआत से ही गलत हथकंडे अपनाए और आज इसी के चलते वे सिमट कर रह गई है. बसपा सुप्रीमो ने कहा कि अंबडेकर ने पहले भी इनके खिलाफ आवाज उठाई थी. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी खिसयानी बिल्ली की तरह है जो खुद अपना घर बचा नही पा रहे और दूसरो पर ऊंगली उठा रहे है. इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि राहुल गांधी का ये कहना कि कांग्रेस का दोबारा मायावती को सीएम बनाने के मुद्दे पर मैंने जवाब नहीं दिया, यह बात गलत है, इसमें कोई सच्चाई नहीं है.
राहुल गांधी ने 9 अप्रैल को एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि यूपी चुनाव से पहले कांग्रेस ने बीएसपी को गठबंधन करने का प्रस्ताव दिया था. साथ ही बीएसपी सुप्रीमो को सीएम पद का भी ऑफर दिया गया था, लेकिन उन्होंने जवाब नहीं दिया। इसके साथ ही राहुल गाँधी ने कहा था कि इस बार मायावती ने चुनाव नहीं लड़ा. कांग्रेस नेता के मुताबिक मायावती अब ईडी, सीबीआई केडर से चुनाव नहीं लड़ना चाहती है।
मायावती ने कहा कि कांग्रेस नेता कहते है कि बीएसपी बीजेपी से डरती है. लेकिन मैं आपको बताती हूँ की इसमें रत्ती भर भी सच्चाई नहीं है. उन्होंने कहा कि राहुल गाँधी ने जो टिप्पणी की है उसको लेकर दलितों और मायावती के प्रति जातिवादी उपेक्षा झलकती है. मयावती ने कहा कि कांग्रेस ने समय पर पार्टी में सुधार लाने के प्रति कोई ठोस कदम नहीं उठाए हुए और इसी के चलते पार्टी सिमट कर रह गई है. उन्होंने कहा कि पार्टी का सरकारी पैसा भी कही और खर्च किया गया, लोगों को आरक्षण का भी लाभ नहीं दिया गया, जिसके चलते दलित दूसरों पर निर्भर रहे।
इसके साथ ही मयावती ने कहा कि विपक्ष के नेता को चुनावी नतीजे देखकर कोई भी बात बोलनी चाहिए और इनकी समीक्षा करनी चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस को यह देखना चाहिए कि बीजेपी से लोहा लेने के मामले में बीएसपी का रिकॉर्ड क्या है और उनकी पार्टी कहा खड़ी होती है. मायावती ने कहा कि साल 2007 में जब यूपी में बीएसपी की सरकार थी, तब केंद्र में कांग्रेस विराजमान थी. कांग्रेस ने बीएसपी के कई कार्य रोके यहां तक कि इन्होने राम मंदिर फैसले पर केंद्र से फाॅर्स भी नहीं दी थी. इससे सूबे में हालत बिगड़ गए थे. उन्होंने कहा कि राहुल गाँधी ने बीएसपी को बदनाम करने के लिए कभी पैदल मार्च और धरना भी दिया था।