लखनऊ: उत्तर प्रदेश में इस वक्त बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के नेताओं के बीच जुबानी जंग छिड़ी हुई है. दोनों ही दलों के नेता एक-दूसरे पर हमलावर हैं. इस बीच आज सपा प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपनी पार्टी के नेताओं को नसीहत दी है. उन्होंने कहा है कि मायावती उम्र […]
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में इस वक्त बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के नेताओं के बीच जुबानी जंग छिड़ी हुई है. दोनों ही दलों के नेता एक-दूसरे पर हमलावर हैं. इस बीच आज सपा प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपनी पार्टी के नेताओं को नसीहत दी है. उन्होंने कहा है कि मायावती उम्र में हमसे बड़ी हैं. वे एक बड़ी नेता हैं और हम सभी को उनका सम्मान करना चाहिए. अखिलेश ने समाजवादी पार्टी के विधायकों की बैठक में ये बातें कही हैं.
बता दें कि इससे पहले सोमवार को बसपा प्रमुख मायावती ने ट्वीट कर आरोप लगाया था कि समाजवादी पार्टी की सरकार ने राजनीतिक द्वेष के चलते बसपा के दफ्तर के सामने पुल बनवा दिया था. इसके साथ ही मायावती ने कहा था कि सपा अति-पिछड़ों के साथ-साथ जबरदस्त दलित-विरोधी पार्टी भी है हालांकि बीएसपी ने पिछले लोकसभा आमचुनाव में सपा से गठबंधन करके इनके दलित-विरोधी चाल, चरित्र व चेहरे को थोड़ा बदलने का प्रयास किया. लेकिन चुनाव खत्म होने के बाद ही सपा पुनः अपने दलित-विरोधी जातिवादी एजेंडे पर वापस आ गई.
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने कल (8 जनवरी) को मीडिया से बात करते हुए मायावती को जवाब दिया. उन्होंने कहा कि वह पुल बना बहुत जरूरी था. हमने दो पुलो की सूची केंद्र को दी थी. जो नियम डिफेंस और रेलवे ने दिए थे उन नियमों का पालन किया गया था. अगर उन्हें (मायावती) पुल से ज्यादा दिक्कत है तो भाजपा सरकार को पत्र लिख दें, कि पुल तुड़वा दें. भाजपा की सरकार हैं. भाजपा के पास बहुत से बुलडोजर हैं.
Truck Driver Strike: ‘डबल दबाव में फंसी सरकार’, अखिलेश यादव ने बीजेपी पर लगाए गंभीर आरोप