नई दिल्ली। RBI के 2000 के नोट बंदी के फैसले पर विपक्षी दल के नेता इस फैसले पर सवाल उठा रहे हैं। जिनमें बसपा प्रमुख मायावती भी शामिल हैं, मायावती ने ट्विटर के जरिए सरकार को कुछ हिदायत दी हैं। आपको बता दें कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी 2 हजार की नोटबंदी पर […]
नई दिल्ली। RBI के 2000 के नोट बंदी के फैसले पर विपक्षी दल के नेता इस फैसले पर सवाल उठा रहे हैं। जिनमें बसपा प्रमुख मायावती भी शामिल हैं, मायावती ने ट्विटर के जरिए सरकार को कुछ हिदायत दी हैं। आपको बता दें कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी 2 हजार की नोटबंदी पर नाराजगी जताई है।
करेन्सी व उसकी विश्व बाजार में कीमत का सम्बंध देश का हित व प्रतिष्ठा से जुड़ा होने के कारण इसमें जल्दी-जल्दी बदलाव करना जनहित को सीेधे तौर पर प्रभावित करता है। इसीलिए ऐसा करने से पहले इसके प्रभाव व परिणाम पर समुचित अध्ययन जरूरी। सरकार इस पर जरूर ध्यान दे।
— Mayawati (@Mayawati) May 21, 2023
मायावती ने ट्विटर के जरिए सरकार को अपने फैसले से पड़ने वाले प्रभाव के बारे में सोचने की हिदायत दी है। मायावती लिखतीं हैं कि चूंकि विश्व बाजार में मुद्रा और उसकी कीमत देश के हित और प्रतिष्ठा से जुड़ी होती है, इसलिए इसमें बार-बार होने वाले बदलाव सीधे तौर पर जनहित को प्रभावित करते हैं। इसलिए ऐसा करने से पहले इसके प्रभावों और परिणामों का समुचित अध्ययन आवश्यक है। सरकार को इस पर जरूर ध्यान देना चाहिए।
फिलहाल रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI ) ने इस बारे में कोई जानकारी जारी नहीं किया है। लेकिन अगर आपके पास 30 सितंबर के बाद भी 2,000 के नोट हैं, तो आपके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। हकीकत में इसे देश की जनता और मिडिल क्लास की सोच से भी जोड़ा गया है। बचत को लेकर भारतीय हमेशा सावधान रहे।