यूपी: लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद से ही आजम खान सूबे कि सियासत में चर्चा का विषय बने हुए है. अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी से उनकी नाराजगी के बीच आज बसपा प्रमुख मायावती ने उनके समर्थन में अपनी बात रखी है. पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने ट्वीटर हैंडल से लिखा कि बीजेपी सरकार […]
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद से ही आजम खान सूबे कि सियासत में चर्चा का विषय बने हुए है. अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी से उनकी नाराजगी के बीच आज बसपा प्रमुख मायावती ने उनके समर्थन में अपनी बात रखी है. पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने ट्वीटर हैंडल से लिखा कि बीजेपी सरकार द्वेषपूर्ण रवैये से आजम खान को 2 वर्ष से जेल में बंद कर परेशान करने का काम रही है।
बसपा सुप्रीमों ने आगे लिखा कि यूपी समेत अन्य बीजेपी शासित राज्यों में कांग्रेस की ही तरह टारगेट करके गरीबों, दलितों, अदिवासियों और मुस्लिमों पर जुल्म-ज्यादती और भय का शिकार बनाया जा रहा है. उन्होंने लिखा कि ये बेहद दुःखद है।
1. यूपी व अन्य बीजेपी शासित राज्यों में भी, कांग्रेस की ही तरह, जिस प्रकार से टारगेट करके गरीबों, दलितों, अदिवासियों एवं मुस्लिमों को जुल्म-ज्यादती व भय आदि का शिकार बनाकर उन्हें परेशान किया जा रहा है यह अति-दुःखद, जबकि दूसरों के मामलों में इनकी कृपादृष्टि जारी है। 1/3
— Mayawati (@Mayawati) May 12, 2022
पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने ट्वीट में आगे लिखा कि यूपी सरकार द्वारा लगातार अपने विरोधियों पर द्वेषपूर्ण और आतंकित करने वाली कार्यवाही की जा रही है. उन्होंने लिखा कि वरिष्ठ विधायक मोहम्मद आजम खान को दो वर्षों से अधिक समय से जेल में बन्द रखना प्रदेश में काफी चर्चा में रहा है. ये जनता की नज़र में न्याय का गला घोंटना नहीं है तो और क्या है?
2. इसी क्रम में यूपी सरकार द्वारा अपने विरोधियों पर लगातार द्वेषपूर्ण व आतंकित कार्यवाही तथा वरिष्ठ विधायक मोहम्म्द आज़म खान को करीब सवा दो वर्षों से जेल में बन्द रखने का मामला काफी चर्चाओं में है, जो लोगों की नज़र में न्याय का गला घोंटना नहीं तो और क्या है? 2/3
— Mayawati (@Mayawati) May 12, 2022
मायावती ने लिखा कि देश के कई राज्यों में जिस प्रकार से दुर्भावना व द्वेषपूर्ण तरीका अपनाकर प्रवासियों और मेहनतकश समाज के लोगों पर अतिक्रमण के नाम कार्रवाई कर उनकी रोजी-रोटी छीनी जा रही है. ये कई सवाल खड़े करता है. जो बहुत चिन्तनीय भी है।
3. साथ ही, देश के कई राज्यों में जिस प्रकार से दुर्भावना व द्वेषपूर्ण रवैया अपनाकर प्रवासियों व मेहनतकश समाज के लोगों को अतिक्रमण के नाम पर भय व आतंक का शिकार बनाकर, उनकी रोजी-रोटी छीनी जा रही है, वह अनेकों सवाल खड़े करता है जो अति-चिन्तनीय भी है। 3/3
— Mayawati (@Mayawati) May 12, 2022
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