Max Hospital Shalimar Bagh- हाल ही में जीवित नवजात को मृत बताने के मामले में फंसे दिल्ली के मैक्स अस्पताल का लाइसेंस कैंसिल कर सीएम अरविंद केजरीवाल ने खूब वाहवाही बटोरी थी.
नई दिल्ली. दिल्ली के शालीमार बाग के मैक्स अस्पताल में बुधवार से फिर से काम शुरु हो गया है. मैक्स शालीमार बाग़ मामले पर दिल्ली सरकार के फ़ैसले पर फाइनेन्स कमीश्नर ने रोक लगा दी है. जिसके बाद मैक्स शालीमार बाग़ ने स्टे मिलने के बाद आज से काम काज शुरु कर दिया है. और बडी ज़िम्मेदारी से काम करने की बात कर रहे है. यह जानकारी मैक्स हेल्थकेयर की तरफ से दी गयी.
वहीं केजरीवाल सरकार के आदेश पर रोक के बाद दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सतेन्द्र जैन ने कहा कि हमारे इस फ़ैसले पर रोक लगवाने का काम उपराज्यपाल के यहा से किया जा रहा है. दिल्ली उपराज्यपाल ऑफिस से बताया गया कि ये मैक्स शालीमार का मामला फाइनेन्स कमीश्नर कोर्ट के समक्ष है और साथ ही क्लीयर किया है कि मैक्स अस्पताल से किसी भी अधिकारी से कोई मुलाक़ात नहीं हुई है.
वहीं मैक्स हेल्थकेयर अथोरिटीज का कहना है कि हम हमारे मरीजों को उच्च क्वालिटी की सुविधाएं देने पर फोकस करेंगे. मैक्स हेल्थकेयर अथोरिटीज का कहना है कि गरीब तबके के लोगों को इलाज की सभी सुविधाएं देना हमारी प्रथामिकता में शामिल रहेगा. दिल्ली सरकार ने जीवित बच्चे को मरा हुआ बताकर परिजनों को सौंपने के मामले में मैक्स हॉस्पिटल शालीमार बाग का लाइसेंस रद्द किया था. जिसके बाद दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन ने सरकार के इस फैसले पर नाराजगी जाहिर करते हुए इस को वापस लेने के लिए कहा था. जो दिल्ली सरकार ने नहीं माना जिसके बाद इंडियन मेडिकल एसोसिएशन यानी IMA ने प्राइवेट अस्पतालों और डॉक्टरों के साथ मरीजों के रिश्तों को अच्छा और मजबूत करने के इरादे से 31 सूत्रों के द्वारा कुछ सुझाव दिए. वहीं दिल्ली के मैक्स अस्पताल का लाइसेंस कैंसिल कर सीएम अरविंद केजरीवाल ने खूब वाहवाही बटोरी थी.
बता दें कि शालीमार बाग स्थित मैक्स अस्पताल में ऑपरेशन के जरिए एक 6 महीने की गर्भवती महिला वर्षा ने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया था. अस्पताल ने दोनों बच्चों को मृत बताकर ‘शवों’ को पॉलिथिन में लपेटकर परिजनों को सौंप दिया था.