लाइसेंस कैंसिल होने के बाद केजरीवाल सरकार पर मैक्स हॉस्पिटल का पलटवार, डॉक्टर की लापरवाही के लिए अस्पताल जिम्मेदार नहीं

नवजात बच्चे को जिंदा रहते मरा बताने वाले शालीमाग बाग मैक्स अस्पताल का लाइसेंस कैंसिल होने पर मैक्स प्रबंधन ने बयान जारी कर डॉक्टरों की लापरवाही से पल्ला झाड़ने की कोशिश की है. अस्पताल का कहना है कि किसी डॉक्टर की गलती की सजा किसी अस्पताल को देना गलत है.

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लाइसेंस कैंसिल होने के बाद केजरीवाल सरकार पर मैक्स हॉस्पिटल का पलटवार, डॉक्टर की लापरवाही के लिए अस्पताल जिम्मेदार नहीं

Aanchal Pandey

  • December 9, 2017 11:58 am Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

नई दिल्ली: जिंदा नवजात को मृत बताने के मामले में अरविंद केजरीवाल सरकार के हाथों शालीमार बाग मैक्स हॉस्पिटल का लाइसेंस कैंसिल होने पर मैक्स अस्पताल ने पलटवार करते हुए कहा है कि डॉक्टर की लापरवाही के लिए अस्पताल को जिम्मेदार ठहराना गलत है. दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने जांच रिपोर्ट मिलने के बाद शुक्रवार को मैक्स हॉस्पिटल का लाइसेंस कैंसिल करने का ऐलान किया था. अब मैक्स अस्पताल ने एक बयान जारी कर अपने इलाज में अस्पताल के डॉक्टरों की लापरवाही से पल्ला झाड़ने की कोशिश की है और कहा है कि किसी एक आदमी के गलत फैसले की सजा अस्पताल को देना गलत है.

मैक्स अस्पताल ने बयान में कहा है, “हमें मैक्स अस्पताल, शालीमार बाग का लाइसेंस रद्द करने का नोटिस मिला है. हमारा मानना है कि यह फैसला कठोर है और हमें अपना पक्ष रखने का पर्याप्त मौका नहीं मिला. अस्पताल ने कहा है, “हमारा मानना है कि अगर ये व्यक्तिगत गलत फैसला का मामला है तो भी इसके लिए अस्पताल को जिम्मेदार ठहराना अनुचित है और इससे मरीजों की इलाज तक पहुंच कम होगी. यह राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अस्पताल सुविधाओं की कमी को और बढ़ाएगा.” अस्पताल ने मामला कोर्ट में ले जाने का इशारा देते हुए कहा है, “हम सारे उपलब्ध विकल्प इस्तेमाल करेंगे.”

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आपको पता नहीं हो तो बता दें कि दिल्ली के शालीमार बाग स्थित मैक्स हॉस्पिटल में एक महिला ने जुड़वा बच्चों (एक लड़का और एक लड़की) को जन्म दिया था. परिजनों के अनुसार, डिलीवरी के समय बच्ची की मौत हो गई थी. डॉक्टरों ने दूसरे नवजात की हालत भी नाजुक बताई थी और महज एक घंटे के भीतर ही डॉक्टरों ने उसे भी मृत घोषित कर दिया था. अस्पताल ने दोनों बच्चों की मृत शवों को को प्लास्टिक के एक बैग में लपेटकर परिजनों को सौंप दिया था.

परिजन बच्चों के शवों को लेकर घर लौट रहे थे कि रास्ते में ही उसमें हलचल देखने को मिली. जिसके बाद पैकेट खोला गया तो उसमें एक बच्चे की सांसें चल रही थीं. जिसके बाद परिवार वालों ने बच्चे को तुरंत नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया था. परिवार वालों ने मैक्स हॉस्पिटल की इस करतूत की शिकायत पुलिस में की. 4 दिसंबर को इस मामले में दिल्ली पुलिस ने घटना वाले दिन डॉक्टरों की ड्यूटी चार्ट के साथ-साथ पूरे स्टफ की जानकारी मांगी थी. दिल्ली पुलिस के एक्शन के एक दिन बाद अस्पताल प्रबंधन ने चार डॉक्टरों को सस्पेंड कर दिया था.

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मैक्स हॉस्पिटल की लापरवाही सामने आने के बाद जब केजरीवाल सरकार ने अस्पताल का लाइसेंस रद्द कर दिया तो सोशल मीडिया पर केजरीवाल की जमकर तारीफ हुई. ट्विटरबाज केजरीवाल को इतना बड़ा और कड़ा फैसला लेने पर बधाई भी दे रहे हैं. कुछ यूजर्स ने तो इसे राजनीति से उपर उठकर कार्रवाई बताया है. जबकि कुछ यूजरों ने इसे मैक्स हॉस्पिटल के खिलाफ कड़ा ऐक्शन बताते हुए केजरीवाल सरकार को इस प्रकार की पहली सरकार बताया है. मैक्स अस्पताल का लाइसेंस रद्द होने के बाद यूजरों ने कहा कि अभी तो ये केवल शुरुआत है. कुछ यूजरों ने मांग करते हुए कहा कि अगली कार्रवाई फोर्टिस हॉस्पिटल के खिलाफ होनी चाहिए. केजरीवाल सरकार की इस कार्रवाई के बाद यूजरों ने देश की अन्य राज्य सरकारों को भी टारगेट किया.

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