Maulana Shahabuddin Razvi Barelvi: ऑल इंडिया मुस्लिम जमात (AIMJ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी पर नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) को लेकर मुसलमानों को गुमराह करने का आरोप लगाया है. मौलाना ने ओवैसी को सलाह दी कि वे पहले CAA कानून को ठीक से पढ़ें और फिर इस पर अपनी राय दें. यह बयान ऐसे समय में आया है. जब केंद्र सरकार जल्द ही वक्फ संशोधन बिल और CAA कानून को लागू करने की तैयारी में है.

ओवैसी पर भड़के मौलाना

मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने ओवैसी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा ‘CAA कानून को लेकर AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी मुसलमानों में भ्रम फैला रहे हैं. ओवैसी का यह कहना कि इस कानून से मुसलमानों पर जुल्म हो रहा है. पूरी तरह गलत है. इस कानून के तहत कई लोगों को नागरिकता मिली है. जिसमें कुछ मुसलमान भी शामिल हैं. ओवैसी की यह बकवास और भड़काऊ बयानबाजी मुसलमानों को गुमराह करने वाली है.’ मौलाना ने आगे कहा, ‘ओवैसी कानून के जानकार माने जाते हैं लेकिन उन्होंने CAA को लेकर गैरकानूनी बातें कही हैं. उन्हें पहले इस कानून को ध्यान से पढ़ना चाहिए और ऐसी बयानबाजी से बचना चाहिए.’

ओवैसी का CAA और वक्फ बिल पर विरोध

असदुद्दीन ओवैसी ने CAA और वक्फ संशोधन बिल का लगातार विरोध किया है. ओवैसी ने कहा था. ‘यह कानून धर्म पर आधारित है. हम पाकिस्तान, अफगानिस्तान या बांग्लादेश से आने वाले हिंदुओं, सिखों और अन्य समुदायों के लिए बनाए गए कानून के खिलाफ नहीं हैं. लेकिन CAA को NPR और NRC से अलग नहीं देखा जा सकता. यह कानून मुसलमानों, दलितों और गरीब समुदायों को परेशान करने के लिए लाया गया है.’ इसके अलावा, ओवैसी ने वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ भी देशव्यापी आंदोलन की चेतावनी दी थी.

मौलाना साजिद रशीदी ने भी लगाई थी फटकार

वक्फ बिल को लेकर ओवैसी के आंदोलन के आह्वान पर ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष मौलाना साजिद रशीदी ने भी उन्हें फटकार लगाई थी. रशीदी ने कहा ‘वक्फ बिल को लेकर ज्यादा भ्रांति फैलाने की जरूरत नहीं है. सरकार ने इसे अभी ठंडे बस्ते में डाल दिया है. आंदोलन में कुछ लोग शामिल होकर नुकसान पहुंचा सकते हैं जिसकी जिम्मेदारी मुसलमानों पर डाल दी जाएगी.’

CAA में नागरिकता छीनने का प्रावधान नहीं

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने स्पष्ट किया था ‘CAA में किसी की भी नागरिकता छीनने का कोई प्रावधान नहीं है. यह कानून पड़ोसी देशों से सताए गए अल्पसंख्यकों को शरण देने के लिए बनाया गया है.’ यह कानून 2019 में संसद द्वारा पारित किया गया था लेकिन अभी तक इसका नोटिफिकेशन जारी नहीं हुआ है.

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