लखनऊ: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 14 दिसंबर को मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद से जुड़े केस में सर्वे के लिए ऐडवोकेट कोर्ट कमिश्नर नियुक्त करने की अर्जी तय कर ली है. इसका अर्थ यह है कि मथुरा के विवादित परिसर का सर्वे अब कोर्ट कमिश्नर करेंगे. हालांकि कोर्ट कमिश्नर के स्वरूप […]
लखनऊ: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 14 दिसंबर को मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद से जुड़े केस में सर्वे के लिए ऐडवोकेट कोर्ट कमिश्नर नियुक्त करने की अर्जी तय कर ली है. इसका अर्थ यह है कि मथुरा के विवादित परिसर का सर्वे अब कोर्ट कमिश्नर करेंगे. हालांकि कोर्ट कमिश्नर के स्वरूप यानी सर्वे कब से शुरू होगा, उसमें कौन-कौन वकील होंगे, ऐसे मुद्दों पर 18 दिसंबर को कोर्ट सुनवाई करेगा. आपको बता दें कि सर्वे की मांग वाली अर्जी श्रीकृष्ण विराजमान की तरफ से दाखिल की गई थी. वहीं 16 नवंबर को जस्टिस मयंक कुमार जैन की एकल पीठ ने इस संबंध में फैसला सुरक्षित रखा था।
कोर्ट के मुताबिक कमिश्नर की नियुक्ति के लिए सुनवाई में प्रतिवादी हिस्सा ले सकते हैं. अगर वे आयोग की रिपोर्ट से पीड़ित महसूस करते हैं तो उस रिपोर्ट के खिलाफ उनके पास आपत्ति दाखिल करने का अवसर होगा. इस बात पर ध्यान रखना होगा कि 3 वकीलों के पैनल वाले आयोग की नियुक्ति से किसी भी पक्ष को कोई नुकसान नहीं होना चाहिए. इस मामले की मेरिट को आयुक्त की रिपोर्ट प्रभावित नहीं करती।
बता दें कि श्रीकृष्ण विराजमान की तरफ से वकील विष्णु शंकर जैन ने बहस की. उन्होंने दावा किया कि मस्जिद के नीचे भगवान कृष्ण की जन्मस्थली मौजूद है. इस तरह के कई संकेत हैं जो साबित करते हैं कि मस्जिद एक हिंदू मंदिर है. वहां कमल के आकार का एक स्तंभ है जो हिंदू मंदिरों की एक विशेषता को दर्शाता है. वहां शेषनाग की एक प्रतिकृति है जो हिंदू देवताओं में एक अहन मायने रखते है।
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