Mathematician Vashishtha Narayan Singh Died: भारत में महान व्यक्तियों की कद्र नहीं की जाती है. ये बात जो महान गणितज्ञ वशिष्ट नारायण सिंह के निधन पता चल गया है. जिस व्यक्ति ने पूरी दुनिया में भारत का लोहा मनवाया, आज उसी व्यक्ति के निधन के बाद हॉस्पिटल द्वारा पार्थिव शरीर लेकर जानें के लिए एंबुलेंस मुहैया नहीं कराया गया, जिसके बाद परिजन निजी वाहन में पार्थिव शरीर ले जानें को मजबूर हुए.
नई दिल्ली. Mathematician Vashishtha Narayan Singh Died: महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह का आज पटना के पीएमसीएच में निधन हो गया. उनके निधन ने एक बार फिर देश में चिकित्सकीय सुविधाओं को लेकर बहस छेड़ दिया है. आपको बता दें कि वशिष्ठ नारायण सिंह ने पटना पीएमसीएच में अंतिम सांस ली. उनके निधन के बाद डॉक्टरों परिजनों का डेथ सर्टिफिकेट देनें के बाद जिम्मेदारियों से पल्ला छा़ड़ लिया. पटना पीएमसीएच प्रशासन परिजनों को पार्थिव शरीर ले जानें के लिए एंबुलेंस तक नहीं दिया. काफी इंतजार के बाद भी जब परिजनों को मदद नहीं मिली तो वो निजी वाहन से पार्थिव शरीर पैतृक आवास ले गये.
सोचने वाली बात है कि ये सब एक ऐसे इंसान के साथ हुआ जो गणित की दुनिया में भारत का नाम रोशन किया है. गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह के साथ व्यवहार हुआ उससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि इस देश में गरीबों के साथ या आम इंसान के साथ कैसा सलूक होता होगा. सबसे बड़ी बात मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शासनकाल में ये सब हो रहा है, क्योंकि सरकार की नकेल जिम्मेदार लोगों पर ढ़िली है.
आपको बता दें कि वशिष्ट नारायण सिंह एक महान गणितज्ञ थे. उन्होंने आइंस्टीन के सापेक्षता सिद्धांत को भी चुनौती दे दिया है. एक बार उन्होंने तो कम्प्यूटर से तेज भी गड़ना किया था. ये बात उस समय की थी जब नासा द्वारा अपोलो की लॉन्चिंग की जा रही थी और कम्प्यूटर 30 सेकेंड के लिए खराब हो गया था.
उफ़्फ़, इतनी विराट प्रतिभा की ऐसी उपेक्षा? विश्व जिसकी मेधा का लोहा माना उसके प्रति उसी का बिहार इतना पत्थर हो गया? @NitishKumar @girirajsinghbjp @AshwiniKChoubey @nityanandraibjp आप सबसे सवाल बनता हैं ! भारतमाँ क्यूँ सौंपे ऐसे मेधावी बेटे इस देश को जब हम उन्हें सम्भाल ही न सकें? https://t.co/mg6Pgy4VEm
— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) November 14, 2019
वशिष्ट नारायण सिंह की मौत के बाद उनका पार्थिव शरीर बाहर स्ट्रेचर पर पड़ा रहा. परिजन 2 घंटों से एंबुलेंस का इंतजार करते रहे, लेकिन हॉस्पिटल प्रशासन मूक बना रहा. पटना पीएमसीएच के इस रवैया का सोशल मीडिया पर काफी अलोचना हो रही है. लोग तरह-तरह के कमेंट हॉस्पिटल प्रशासन और राज्य सरकार के खिलाफ कर रहें हैं. हालांकि विवाद बढ़ने के डर से राज्य सरकार ने उनको राजकीय सम्मान जरूर दिया. लेकिन वशिष्ट नारायण सिंह जैसे व्यक्तियों के लिए ये नाकाफी है.
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