Massod Azhar Black List Proposal in UN: पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत ने सभी देशों से आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने के लिए अपील की थी. इसमें पुलवामा हमले की जिम्मेदारी लेने वाले आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र में अपील करने की मांग भी की गई थी. कहा गया था कि जैश ए मोहम्मद और उसके प्रमुख मसूद अजहर को वैश्विक तौर पर ब्लैक लिस्ट किया जाए.
नई दिल्ली. पुलवामा हमले की साजिश रचने वाले पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ भारत ने सभी देशों से अपील की थी. भारत ने सभी देशों से आतंकवाद के खिलाफ एक जुट होने के लिए अपील की थी. इसपर जल्द भारत को सफलता मिल सकती है. दरअसल बुधवार को अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर को ब्लैक लिस्ट करने के लिए एक प्रस्ताव पेश किया है.
इस प्रस्ताव में उन्होंने कहा है जैश ने ही पुलवामा में भारतीय अर्द्धसैनिक बल सीआरपीएफ के काफिले पर हमला किया था जिसमें 40 जवान शहीद हो गए. ये प्रस्ताव अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने 15 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रतिबंध समिति के सामने रखा है. उन्होंने अपने प्रस्ताव में कहा, संयुक्त राष्ट्र मसूद अजहर के खिलाफ हथियार बैन, वैश्विक यात्रा प्रतिबंध लगाए और उसकी संपत्तियों को जब्त करें.
Reuters: The United States, Britain and France proposed on Wednesday that the United Nations Security Council blacklist the head of Pakistan-based militant group Jaish-e-Mohammad, which said it attacked an Indian paramilitary convoy in Kashmir.
— ANI (@ANI) February 28, 2019
बता दें कि तीनों देशों के पास वीटो पॉवर है. तीनों ने मिलकर प्रस्ताव पेश किया है. खास बात ये हैं कि पिछले 10 साल में संयुक्त राष्ट्र में चौथी बार अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के लिए प्रस्ताव पेश किया गया है. हालांकि अब संयुक्त राष्ट्र का जवाब चीन के रुख पर निर्भर करेगा. दरअसल चीन के पास भी वीटो पॉवर है और वो सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य है.
चीन और पाकिस्तान के मजबूत संबंध के बारे में हर कोई जानता है. बता दें कि इससे पहले और कई बार चीन ने मसूद अजहर के खिलाफ लाए गए सुरक्षा परिषद प्रस्ताव पर वीटो किया है. वहीं चीन ने पुलवामा आतंकी हमले पर भी पाकिस्तान और जैश ए मोहम्मद के पक्ष में ही बयान दिया था. चीन ने कहा था कि पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन का जिक्र सिर्फ सामान्य संदर्भ में हुआ है और यह किसी फैसले को प्रदर्शित नहीं करता है.