मुंबई: बॉम्बे हाईकोर्ट ने मुंबई वर्धा की रहने वाली 30 साल की महिला के द्वारा लगाए गए रेप केस की सुनवाई करते हुए कहा है कि एक विवाहित महिला बलात्कार का आरोप किसी तीसरे व्यक्ति पर इस आधार पर नहीं लगा सकती है कि उसने शादी के झूठे वादे किए और उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए. जबकि वो महिला पहले से ही विवाहित हो.
न्यायमूर्ति आरके देशपांडे और न्यायमूर्ति अरुण उपाध्याय की डिवीजन खंडपीठ ने इस केस पर अपना फैसला सुनाया. सचिन पोतुदे के वकील का कहना है कि महिला झूठा आरोप लगा रही है. महिला ने आरोप लगाया था कि सचिन ने शादी का वादा करते हुए उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए और उन वादे को नहीं निभाया. सचिन के वकील का कहना है कि आरोप लगाने वाली महिला पहले से ही विवाहित है. महिला अपने पति से अलग रहते हुए सचिन के साथ लिवइन में रह रही थी.
बता दें कि जून 2013 में, वर्धा पुलिस ने 26 वर्षीय मां द्वारा दर्ज की गई शिकायत के आधार पर सचिन पोतुदे के खिलाफ बलात्कार का केस दर्ज किया था. महिला की शिकायत के मुताबिक, वह विवाहित थी और उस समय वह एक बच्चे की मां थी. लेकिन वह अपने उस वक्त अपने पति से अलग रह रही थी जब वह अपने सहयोगी में से एक सचिन के संपर्क में आई थी, जिसने उस समय ही शादी की थी.
दोनों लोग मिलने के बाद एक-दूसरे के करीब आए और दोनों के बीच शारीरिक संबंध बनने लगा. इस बात की खबर सचिन की वाइफ को मिल गई. इसके महिला ने पुलिस में जाकर सचिन के खिलाफ बलात्कार की शिकायत दर्ज करा दी. और उस पर शादी के झूठे वादे करके शारीरिक संबंध रखने के लिए प्रेरित करने का आरोप लगाया.
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