Mariam Thresia Chiramel Saint Declaration: केरल की नन मरियम थ्रेसिया चिरमेल को कैनोनाइज किया जाएगा. उनके साथ इंग्लैंड के जॉन हेनरी न्यूमैन, इटली के जोसफीन वन्नी, स्विस मारगुएरीट बे और ब्राजील के इरम डुलस पोंटेस भी शामिल हैं. भारतीय नन मरियम थ्रेसिया चिरमेल को 13 अक्टूबर को वेटिकन सिटी में पोप फ्रांसिस द्वारा संत घोषित किया जाएगा. जानें भारतीय नन मरियम थ्रेसिया चिरमेल और उनके चमत्कार के बारे में.
नई दिल्ली. मार्थ थ्रेसिया मैनकिडियन जिन्हें मरियम थ्रेसिया चिरमेल के नाम से भी जाना जाता है 26 अप्रैल 1876 को जन्मीं थीं. उनका जन्म भारत के केरल में हुआ था. वो एक भारतीय सिरो-मालाबार धार्मिक व्यक्ति थीं और पवित्र परिवार के संघटन की संस्थापक थी. थ्रेसिया मैनकिडियन को लगातार दिव्य दृष्टि और परमानंद प्राप्त करने के लिए जाना जाता है. वह अपने पूरे जीवन में धर्म और त्याग के काम में शामिल रहीं और आदेश के कड़ाई से पालन करती थी. पोप जॉन पॉल द्वितीय ने 9 अप्रैल 2000 को उन्हें पवित्र (धन्य) घोषित किया. पोप फ्रांसिस ने 2019 की शुरुआत में उनके एक दूसरे चमत्कार को मंजूरी दे दी और 13 अक्टूबर 2019 को उन्हें संत घोषित किया जाएगा.
मरियम थ्रेसिया का मृत्यू 8 जून 1926 को हुई थी. ऐसा होने के बाद वो छठी भारतीय होंगे जिन्हें जन्मे कैथोलिक संत के रूप में पहचाना जाएगा. पोप फ्रांसिस ने औपचारिक रूप से मरियम थ्रेसिया चिरमेल मांकिडियान के संत घोषित किए जाने को मंजूरी दे दी है और उन्हें 13 अक्टूबर को वेटिकन में एक पवित्र मास के दौरान संत घोषित किया जाएगा. एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इंग्लैंड के जॉन हेनरी न्यूमैन, इटैलियन जोसेफिन वैनीनी, स्विस मारगुएरीट बे और ब्राजील के इरम दुलस पोंटेस के साथ उन्हें संत घोषित किया जाएगा. 26 अप्रैल 1876 को त्रिशूर जिले के पुतेन्चिरा में मरियम थ्रेसिया जन्मी थीं.
Kerala: Pope Francis will declare Mariam Thresia Chiramel as saint on October 13. The canonisation will be held at St. Peters square, Vatican City. She was the founder of the Congregation of the Holy Family. pic.twitter.com/wOlh0JTs20
— ANI (@ANI) July 4, 2019
कथित तौर पर एक वेटिकन दस्तावेज में कहा गया है कि पवित्र परिवार की संस्थापक और पहली सदस्य, थ्रेसिया ने तीन नए कॉन्वेंट, दो स्कूल, दो हॉस्टल, एक स्टडी हाउस और एक अनाथालय का निर्माण किया था. चर्च के एक दस्तावेज में कहा गया है, 8 जून 1926 को उनकी मृत्यु के समय, मंडली में 55 सिस्टर्स, 30 बेघर और 10 अनाथ थे. यह कहा गया है कि पवित्र परिवार के संघटन में 1,500 से सिस्टर्स हैं जिन्होंने केरल में, उत्तर भारत के मिशन क्षेत्रों में, जर्मनी, इटली और घाना में, सात प्रांतों में कुल 176 घरों और 119 नोविस के साथ सेवा की है. मरियम थ्रेसिया को दूसरे चमत्कार के लिए संत घोषित किया जा रहा है.
दूसरा चमत्कार जिसके लिए संत घोषित किया जा रहा है, इसकी उत्पत्ति की जांच की गई थी और बाद में रोम में 24 जून 2014 को औपचारिक मान्यता प्राप्त की गई. ये चमत्कार था एक बीमार बच्चे, क्रिस्टोफर का चमत्कारी तरीके से ठीक हो जाना. मार्च 2018 में रोम में मेडिकल बोर्ड से इसकी पुष्टि हुई और धर्मशास्त्रियों ने बाद में अक्टूबर 2018 में इसकी पुष्टि की. पोप फ्रांसिस ने 12 फरवरी 2019 को इस चमत्कार को मंजूरी दे दी जो जिससे मरियम थ्रेसिया के संत घोषित किए जाने को मंजूरी दे दी गई. रिपोर्टों के अनुसार, वेटिकन ने केरल में जन्मे तीन भारतीय कैथोलिकों को संत घोषित किया है. 2014 में फ्रा कुरीकोस एलियास चावारा और सिस्टर यूफ्रासिया को पोप फ्रांसिस द्वारा संतों की लीग में शामिल किया गया था. सिस्टर अल्फोंसा को 2008 में संत घोषित किया गया था.