नई दिल्लीः महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण को लेकर हो रही बैठक खत्म हो गई है। इस बैठक में सीएम शिंदे ने कहा कि महाराष्ट्र माराठा आरक्षण के पक्ष में है। बता दें कि सीएम शिंदे ने प्रदेश में आंदोलन की वजह से बिगड़ रहे हालात को देखते हुए सर्वदलिय बैठक बुलाई थी। बैठक के बाद […]
नई दिल्लीः महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण को लेकर हो रही बैठक खत्म हो गई है। इस बैठक में सीएम शिंदे ने कहा कि महाराष्ट्र माराठा आरक्षण के पक्ष में है। बता दें कि सीएम शिंदे ने प्रदेश में आंदोलन की वजह से बिगड़ रहे हालात को देखते हुए सर्वदलिय बैठक बुलाई थी। बैठक के बाद सीएम शिंदे ने कहा कि आरक्षण पर दो तरह का काम जारी है। बैठक में राज्य में शांति व्यवस्था बनाए रखने को लेकर भी एक प्रस्ताव पास किया है। हमने मराठा नेता मनोज जरांगे पाटिल से आंदोलन खत्म करने की अपील भी की है।
बैठक में खास बात ये रही की उद्धव ठाकरे और उनकी पार्टी को आमंत्रण नहीं दिया गया था। सीएम कार्यालय के एक अधिकारी ने कहा था कि मुख्यमंत्री शिंदे विपक्षी नेताओं को स्थिति से निपटने क लिए सरकार कि कई योजनाओं से अवगत कराएंगे और उनका समर्थन भी मांगेंगे। बता दें कि पिछले कई दिनों में हिंसा की घटनाए बढ़ गई है।
बैठक के दौरान सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार इस बैठक में लॉ एंड ऑर्डर बनाएं रखने को लेकर सभी दलों न सहमती दी। प्रदेश के सभी बड़े मराठा समाज के नेताओं को विश्वास में लिया जाए। साथ ही विपक्षी नेताओं ने मांग की है कि केंद्र में बीजेपी की सरकार है ऐसे में आरक्षण के बिषय पर संसद में शीतकालीन सत्र के समय बिल लाया जाए।
इस आंदोलन की वजह से मराठवाड़ा के पांच जिलों में सरकारी बस सेवाएं पुरी तरह से बंद कर दी गई थी। जबकि बीड के कुछ हिस्सों मे कर्फ्यू लागू कर दिया है और इंटरनेट बंद कर दिया गया है। जहां प्रदर्शनकारियों ने राजनीतिक दलों के नेताओं के आवासों को निशाना बनाया गया था। सीएम ने हिंसा नहीं करने की अपील की है और राजनीतिक दलों से भी ऐसी किसी भी गतिविधी में शामिल होने से बचने के लिए कहा है।
सरकारी प्रस्ताव में अधिकारियों से कुनबियों के संदर्भ वाले और उर्दू व मोड़ी लिपी में लिखे गए पुराने दस्तावेजों का अनुवाद करने के लिए कहा है। इन दस्तावेजों का डिजिटलीकरण किया जाएगा, प्रमाणिक किया जाएगा। यह फैसला ऐसे वक्त में आया है जब सीएम शिंदे ने कहा कि सरकार द्वारा नियुक्त समिति में 1.72 करोड़ पुराने दस्तावेजों की जांच की और उनमें से 11530 ऐसे रिकार्ड पाए गए जहां कुनबी जाति का उल्लेख किया गया है।