मारन बंधुओं ने पिछले साल ही इस मामले को खारिज करने की अपील की थी लेकिन फरवरी में सीबीआई ने केस खारिज करने की याचिका का विरोध करते हुए कहा कि मारन बंधुओं के खिलाफ केस जारी रखने के लिए काफी सबूत हैं. सीबीआई कोर्ट ने मामले में मारन बंधुओं को रिहा कर दिया है.
नई दिल्ली. सीबीआई की विशेष अदालत ने बुधवार को अवैध टेलीफोन एक्सचेंज मामले में मारन बंधुओं को रिहा कर दिया. दयानिधी मारन और कलानिधि मारन के अलावा कोर्ट ने पांच अन्य आरोपियों को भी बरी कर दिया. मारन बंधुओं ने पिछले साल ही इस मामले को खारिज करने की अपील की थी लेकिन फरवरी में सीबीआई ने केस खारिज करने की याचिका का विरोध करते हुए कहा कि मारन बंधुओं के खिलाफ केस जारी रखने के लिए काफी सबूत हैं.
बुधवार को सीबीआई की स्पेशल कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान सरकारी वकील जज एस नटराजन ने कहा कि डीएमके नेता दयानिधी मारन ने केंद्रीय मंत्री रहते हुए 2004 से 2006 के बीच अपनी पारिवारिक कंपनी सन टीवी को फायदा पहुंचाया लेकिन मारन बंधुओं की तरफ से पेश हुए वकील ने सरकारी वकील की दलीलों को गलत बताते हुए कहा कि दयानिधि मारन ने कोई अनियमित्ता नहीं बरती.
गौरतलब है कि मारन बंधुओं पर आरोप था कि उन्होंने अपने घर पर 764 टेलीफोन लाइन और एक प्राइवेट टेलीफोन एक्सचेंज इंस्टॉल किया जिसका इस्तेमाल सन टीवी डाटा को अपलिंक करने में किया गया. सीबीआई की चार्जशीट के मुताबिक इसकी वजह से बीएसएनएल और एमटीएनएल को 1.78 करोड़ रूपये का नुकसान हुआ. इस मामले में मारन ब्रदर्स के अलावा सन टीवी के चीफ टेक्निकल ऑफिसर एस कानन और इलेक्ट्रिशियन एक रवि और दयानिधि मारन के प्राइवेट सेकेट्री गोवथमन पर भी इस घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया गया.
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