नई दिल्ली : नया वित्तीय वर्ष 2024-25, 1 अप्रैल सोमवार यानी आज से शुरू हो रहा है. नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत व्यक्तिगत वित्त के लिए हमेशा महत्वपूर्ण होती है, अधिकांश आयकर बजट प्रस्ताव इसी दिन लागू होते हैं. आज से बदल गए है, कई टैक्स के नियम. अगर आप अब तक पुरानी कर व्यवस्था […]
नई दिल्ली : नया वित्तीय वर्ष 2024-25, 1 अप्रैल सोमवार यानी आज से शुरू हो रहा है. नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत व्यक्तिगत वित्त के लिए हमेशा महत्वपूर्ण होती है, अधिकांश आयकर बजट प्रस्ताव इसी दिन लागू होते हैं. आज से बदल गए है, कई टैक्स के नियम. अगर आप अब तक पुरानी कर व्यवस्था के हिसाब से आयकर रिटर्न (आईटीआर) भरते आए हैं, तो ये जानना जरूरी है कि देश में एक अप्रैल, 2024 से नई कर व्यवस्था को डिफॉल्ट किया जा चुका है.
बता दें कि आपको हर साल कर स्लैब का चुनाव करना होगा। ऐसा नहीं करने पर वह अपने आप नई कर व्यवस्था में शिफ्ट हो जाएगा, नई प्रणाली में कई सुधार किए गए हैं. इसका उद्देश्य अधिक करदाताओं को इसमें शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करना है. इस मामले में 7 लाख तक की आय कर-मुक्त है. यदि आप नौकरीपेशा हैं और 2024-25 में नई कर व्यवस्था चुनते हैं, तो आप 50,000 रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ उठा सकते हैं. इससे आपकी 7.50 लाख तक आय कर मुक्त हो जाएगी. 50,000 रुपये की ये छूट पहले पुराने टैक्स स्लैब में ही मिलती थी.
नई टैक्स व्यवस्था के तहत मूल छूट सीमा 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दी गई है. इसके साथ ही आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 87 A के तहत छूट को 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 7 लाख रुपये कर दिया गया है. इसका मतलब ये है कि नई व्यवस्था के तहत 7 लाख रुपये तक की कर योग्य आय वाले लोगों को कर नहीं देना होगा क्योंकि वो पूर्ण कर छूट के पात्र होंगे.
आप गैर-सरकारी कर्मचारी हैं तो लीव इनकैशमेंट के रूप में तीन लाख के बजाय 25 लाख रुपये तक पर कर छूट का फायदा उठा सकते हैं. इसके लिए आयकर कानून की धारा-10(10एए) में प्रावधान किया गया है.
सालाना आय – दरें
0 से 3 लाख रुपये – 0%
3 से 6 लाख रुपये – 5%
6 से 9 लाख रुपये – 10%
9 से 12 लाख रुपये – 15%
12 से 15 लाख रुपये – 20%
15 लाख से ज्यादा – 30%
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