नई दिल्ली : आज केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने प्रेस वार्ता कर इसकी जानकारी दी. अनुराग ठाकुर ने बताया कि सरकार ने देश में सहकारिता को मजबूत करने और इसकी पहुंच को बढ़ाने के लिए मंजूरी दे दी है. अनुराग ठाकुर ने बताया कि सरकार […]
नई दिल्ली : आज केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने प्रेस वार्ता कर इसकी जानकारी दी. अनुराग ठाकुर ने बताया कि सरकार ने देश में सहकारिता को मजबूत करने और इसकी पहुंच को बढ़ाने के लिए मंजूरी दे दी है. अनुराग ठाकुर ने बताया कि सरकार ने आने वाले 5 साल में करीब 2 लाख बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि ऋण समितियां, डेयरी और मत्स्य सहकारी समितियों की स्थापना करने का लक्ष्य रखा है.
प्रेस वार्ता के दौरान अनुराग ठाकुर ने कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि देश में वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम नाम की एक स्कीम को भी मंजूरी दी है. इस योजना के लिए सरकार ने करीब 4800 करोड़ रुपये आंवटित किए है.
केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में आईटीबीपी की सात नई बटालियन और ऑपरेशनल बेस की स्थापना को मंजूरी मिल गई है. नई स्थापित की जाने वाली टुकड़ियों में करीब 9400 जवानों की नियुक्तियां की जाएगी. इस बटालियन को भारत-चीन सीमा की सुरक्षा की जिम्मेदारी होगी.
अनुराग ठाकुर ने आगे बताया कि कैबिनेट में सीमांत इलाकों में वाइब्रेंट गांव तैयार करने का फैसला लिया गया है। इसके तहत सीमाई गांवों में इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाएगा। इससे लोगों के लिए अजीविका के अवसर प्रदान किए जाएंगे। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस नीति के तहत 4 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में पड़ने वालों गांवों में शामिल किया जाएगा। इस नीति से गांवों में पलायन थमेगा और विकास होने से आबादी बनी रहेगी। ऐसी स्थिति में चीन और पाकिस्तान जैसे दुश्मन देशों से निपटने में मदद मिलेगी।
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि बॉर्डर के इलाकों में टूरिज्म को प्रमोट करने के लिए कुल 2662 गांवों को चयनित किया गया है। उन्होंने कहा कि ये प्रोग्राम बॉर्डर प्रोग्राम से अलग होंगे, यहां टूरिज्म का प्रमोशन किया जाएगा। अनुराग ठाकुर ने कहा कि इन गांवों में समय-समय पर केंद्र के वरिष्ठ अधिकारी भी जाएंगे.
कारगिल युद्ध के साजिशकर्ता थे मुशर्रफ, 1965 में भारत के खिलाफ लड़े थे युद्ध
Parvez Musharraf: जानिए क्या है मुशर्रफ-धोनी कनेक्शन, लोग क्यों करते हैं याद