नई दिल्ली। बिहार में सत्ता परिवर्तन के बाद बीते दिन यानी 16 अगस्त को नीतीश सरकार के मंत्रीमंडल का विस्तार हो गया। इसी बीच में बीजेपी के शीर्ष नेताओं ने मंगलवार को मंथन किया. असल में जनता दल यूनाइटेड ने एनडीए का साथ छोड़कर और आरजेडी के साथ हाथ मिलाकर बिहार में महागठबंधन की […]
नई दिल्ली। बिहार में सत्ता परिवर्तन के बाद बीते दिन यानी 16 अगस्त को नीतीश सरकार के मंत्रीमंडल का विस्तार हो गया। इसी बीच में बीजेपी के शीर्ष नेताओं ने मंगलवार को मंथन किया. असल में जनता दल यूनाइटेड ने एनडीए का साथ छोड़कर और आरजेडी के साथ हाथ मिलाकर बिहार में महागठबंधन की सरकार बना ली है. जिसके बाद अब बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने पार्टी की प्रदेश इकाई के प्रमुख नेताओं के साथ बैठक कर संगठन की मजबूती पर विचार विमर्श किया गया है.
बता दें कि इस बैठक का आयोजन गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा की अध्यक्षता में हुआ। बैठक में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और बिहार बीजेपी के सभी प्रमुख नेता मौजूद रहे. बैठक में अमित शाह ने बिहार में जंगलराज को खत्म करने और राज्य में पार्टी को मजबूत करने पर जोर दिया है.
गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा कि पूरी मजबूती के साथ इस जंगलराज को आमंत्रित करने वाली सरकार का मुक़ाबला करना है, कोई भी बहाना नहीं चाहिए, हम सभी की पहली जिम्मेदारी संगठन को मज़बूत करना है। कोई भी किसी पर ज़िम्मेदारी ना डाले, हर ज़िले में संगठन का विस्तार करे, संगठन की मजबूती बनाए ताकि लोकसभा और विधानसभा चुनाव में फायदा मिले और जो राजनैतिक संकट अभी फिलहाल बीजेपी के सामने खड़ा हुआ उसका मज़बूती से मुकाबला किया जाए.
दरअसल, बिहार में एनडीए से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाता टूटने और आरजेडी (RJD) से हाथ मिलाकर सरकार बनाने के बाद यह बिहार में बीजेपी की शीर्ष नेतृत्व के साथ पहली बैठक है. फिलहाल नई सरकार में जनता दल यूनाइटेड (JDU) के नीतीश कुमार (Nitish Kumar) मुख्यमंत्री पद पर काबिज हैं, वहीं आरजेडी नेता तेजस्वी प्रसाद यादव उपमुख्यमंत्री बने हुए है।
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