Manohar Parrikar Death: पूर्व केंद्रीय रक्षा मंत्री और गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर आखिरी सांस तक गोवा की सेवा करना चाहते थे. भाजपा नेता मनोहर पर्रिकर पैनक्रियाटिक कैंसर से ग्रसित थे. 18 साल पहले 2001 में उनकी पत्नी मेधा पर्रिकर की भी मौत कैंसर से ही हुई थी. उनकी ईमानदार और सादगी भरी छवि के लिए देशभर के राजनेता उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं.
पणजी. गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के निधन से पूरे देश में शोक की लहर है. देश ने एक अच्छा राजनेता खो दिया है. पर्रिकर के निधन से पूरा सियासी जगत स्तब्ध है. पर्रिकर अपनी सादगी और ईमानदारी के लिए जाने जाते थे. नरेंद्र मोदी सरकार में वे रक्षा मंत्री रहे और चार बार गोवा के मुख्यमंत्री रहे. पैनक्रियाटिक कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से लंबे समय से जूझ रहे थे. इसके बावजूद पर्रिकर अपनी अंतिम सांस तक देश और खासकर गोवा की सेवा करते रहे. मनोहर पर्रिकर के परिवार में दो बेटे उत्पल और अभिजात हैं. उनकी पत्नी मेधा पर्रिकर की मौत 18 साल पहले हो चुकी है. मेधा भी कैंसर की बीमारी से ग्रसित थीं.
आपको बता दें कि मनोहर पर्रिकर को गोवा के लोग बहुत प्यार और सम्मान देते थे. उनका गोवा के मुख्यमंत्री के रूप में हर एक कार्यकाल अविवादित रहा. वे एक साफ छवि और सादगी भरे नेता के रूप में पूरे देश में मशहूर थे. सीएम रहते हुए वे कई बार गोवा की सड़कों पर अपना स्कूटर लेकर निकल जाते थे और सभी लोगों से हंस कर बात करते थे. 2014 में जब केंद्र में भाजपा की सरकार बनी तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें दिल्ली बुला लिया. उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह दी और रक्षा मंत्री बनाया.
इसके तीन साल बाद जब गोवा में विधानसभा चुनाव हुए तो भाजपा को बहुमत नहीं मिला. हालांकि भाजपा ने जोड़-तोड़ कर सरकार बनाई. मनोहर पर्रिकर ने वापस गोवा जाने की इजाजत मांगी. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रक्षा मंत्री के पद से इस्तीफा सौंपकर फिर से गोवा के मुख्यमंत्री बन गए. पिछले कुछ महीनों से उनकी हालत काफी नाजुक थी और लगातार उनका अस्पताल में इलाज चल रहा था.
हाल ही में जब गोवा सरकार ने अपना वित्तीय बजट पेश किया तो पर्रिकर बीमारी की हालत में अपना कर्तव्य निभाते हुए गोवा विधानसभा पहुंचे. उस दौरान पूरे देशभर में उनके इस कदम ने सुर्खियां बटोरीं. गोवा का सबसे क्लीन और सबसे पॉपुलर मुख्यमंत्री रहे मनोहर पर्रिकर को गोवा ही नहीं बल्कि पूरे देश की जनता आने वाले समय में याद रखेगी. उनके जैसा कर्मठ नेता शायद ही इस देश को कभी मिल पाएगा.