मन की बात: नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मोदी ने आज अपने मासिक रेडियों कार्यक्रम मन की बात के जरिए लोगों को संबोधित किया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने आपातकाल का जिक्र करते हुए कहा कि आज जब देश आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है, हमें आपातकाल के काले दौर को नहीं भूलना चाहिए। अमृत महोत्सव न […]
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मोदी ने आज अपने मासिक रेडियों कार्यक्रम मन की बात के जरिए लोगों को संबोधित किया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने आपातकाल का जिक्र करते हुए कहा कि आज जब देश आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है, हमें आपातकाल के काले दौर को नहीं भूलना चाहिए। अमृत महोत्सव न केवल हमें विदेशी शासन से आजादी की कहानियां बताता है बल्कि हमें आजादी के 75 साल की यात्रा भी बताता है। बता दें कि ये पीएम मोदी का 90 वां मन की बात कार्यक्रम था।
पीएम मोदी ने कहा कि कई कोशिशों, हजारों गिरफ़्तारियों और लाखों लोगों पर अत्याचार के बाद भी लोगों का लोकतंत्र से विश्वास कम नहीं हुआ। लोगों में सदियों से लोकतंत्र की जो भावना रग-रग में है अंत में जीत उसी की हुई। भारत के लोगों ने लोकतांत्रिक तरीके से ही इमरजेंसी को हटाकर वापस लोकतंत्र की स्थापना की।
मन की बात में प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि आपातकाल के दौरान देश की अदालतें, हर संवैधानिक संस्था, प्रेस आदि सब पर नियंत्रण लगा दिया गया था। सेंसरशिप की ये हालत थी कि बिना स्वीकृति कुछ भी छापा नहीं जा सकता था।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि मैं आज की पीढ़ी के नौजवानों से एक सवाल पूछना चाहता हूं और मेरा सवाल बहुत गंभीर है। क्या आपको पता है कि आपके माता-पिता जब आपकी उम्र के थे तब एक बार उनसे जीवन का भी अधिकार छीन लिया गया था। ये वर्षों पहले 1975 में जून की बात है जब इमरजेंसी लगाई गई थी।
पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में कोरोना वायरस को लेकर लोगों से अपील की। उन्होंने कहा कि हमें कोविड -19 के खिलाफ भी सावधानी बरतनी होगी। हालांकि, यह संतोष की बात है कि आज देश के पास वैक्सीन का व्यापक सुरक्षा कवच है। हम करीब 200 करोड़ वैक्सीन डोज तक पहुंच चुके हैं। देश में रैपिड ऐहतियाती डोज भी लगाया जा रहा है।
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