Manish sisodia: मनीष सिसौदिया की जमानत याचिका पर 30 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट का फैसला

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की बेंच जिसमें जस्टिस संजीव खन्ना और एसवीएन भट्टी शामिल हैं, सोमवार सुबह 10:30 बजे फैसला सुनाएगी। 17 अक्टूबर को मामले पर आखिरी सुनवाई के दौरान, केंद्र के खिलाफ सिसोदिया का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ वकील डॉ अभिषेक मनु सिंघवी के साथ अंतिम बहस समाप्त हुई। जेल […]

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Manish sisodia: मनीष सिसौदिया की जमानत याचिका पर 30 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट का फैसला

Sachin Kumar

  • October 28, 2023 11:11 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की बेंच जिसमें जस्टिस संजीव खन्ना और एसवीएन भट्टी शामिल हैं, सोमवार सुबह 10:30 बजे फैसला सुनाएगी। 17 अक्टूबर को मामले पर आखिरी सुनवाई के दौरान, केंद्र के खिलाफ सिसोदिया का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ वकील डॉ अभिषेक मनु सिंघवी के साथ अंतिम बहस समाप्त हुई।

जेल में बंद आम आदमी पार्टी नेता मनीष सिसौदिया की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सोमवार को अपना फैसला सुनाएगा। घोटाले से संबंधित भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में वर्तमान में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा सिसोदिया पर मुकदमा चलाया जा रहा है।

पूर्व उपमुख्यमंत्री को कथित दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति घोटाले और अपने विधानसभा क्षेत्र के लिए विकास योजनाओं के लिए धन के आवंटन की सुविधा के लिए दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने से संबंधित मामलों में गिरफ्तार किया गया था। वह फरवरी से न्यायिक हिरासत में हैं.

सिंघवी ने कोर्ट से कहा था कि सभी सबूत दस्तावेजी प्रकृति के हैं. सिसौदिया को सलाखों के पीछे रखने की कोई जरूरत नहीं है. चूंकि वह राजनीतिक और सार्वजनिक जीवन से जुड़े हैं, इसलिए उनके भागने का कोई खतरा नहीं है. सिंघवी ने सिसौदिया का बचाव करते हुए कहा कि ईडी का आरोप है कि नई शराब नीति ही धोखा देने के लिए बनाई गई है, जबकि नई नीति कमेटियों के विचार-विमर्श के बाद पारदर्शी तरीके से बनाई गई थी. तत्कालीन उपराज्यपाल ने खुद इसे मंजूरी दी थी.

हालांकि जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय ने मनीष सिसौदिया की जमानत का विरोध करते हुए कहा था कि सिसौदिया एक प्रभावशाली व्यक्ति हैं. और अगर उन्हें जमानत दी गई तो इसका असर केस पर पड़ सकता है.

सिसोदिया कैसे फंसे इस शराब घोटाला में ?

सीबीआई ने आरोपियों के खिलाफ आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार से जुड़ी धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है. ये तीन आरोपी पूर्व सरकारी अधिकारी एजी कृष्णा (पूर्व एक्साइज कमिश्नर), आनंद तिवारी (पूर्व डिप्टी एक्साइज कमिश्नर) और पंकज भटनागर (पूर्व असिस्टेंट एक्साइज कमिश्नर) हैं।

इसमें अमित अरोड़ा (बडी रिटेल प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक), दिनेश अरोड़ा और अर्जुन पांडे को भी आरोपी बनाया गया है. ये तीनों ही सिसौदिया के करीबी माने जाते हैं। आरोप है कि तीनों ने आरोपी सरकारी अधिकारियों की मदद से शराब कारोबारियों से पैसे वसूले और उसे कहीं और भेजा. बाद में दिनेश अरोड़ा सरकारी गवाह बन गये.

मनीष सिसौदिया के अधीन आबकारी विभाग था, इसलिए उन्हें दिल्ली के इस कथित शराब घोटाले में मुख्य आरोपी बनाया गया. सीबीआई ने आरोप लगाया कि आबकारी मंत्री के तौर पर सिसौदिया ने ‘मनमाने’ और ‘एकतरफा’ फैसले लिए, जिससे सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ और शराब व्यापारियों को फायदा हुआ.

17 अगस्त 2022 को सीबीआई ने केस दर्ज किया और दो दिन बाद 19 तारीख को मनीष सिसौदिया के घर और दफ्तर समेत सात राज्यों में 31 ठिकानों पर छापेमारी की. 30 तारीख को सीबीआई ने सिसौदिया के बैंक लॉकर की भी तलाशी ली. सिसौदिया ने दावा किया कि सीबीआई को कुछ नहीं मिला.

सीबीआई की एफआईआर के मुताबिक, मनीष सिसौदिया के कथित करीबी अर्जुन पांडे ने शराब कारोबारी समीर महेंद्र से 2 से 4 करोड़ रुपये लिए थे. यह रकम विजय नायर ने ली थी। विजय नायर कुछ वर्षों तक आम आदमी पार्टी के संचार प्रभारी भी रहे हैं।

इसी साल 14 जनवरी को सीबीआई ने दिल्ली सचिवालय स्थित सिसौदिया के दफ्तर की तलाशी ली थी। 26 फरवरी को सीबीआई ने मनीष सिसौदिया को गिरफ्तार किया था. इसके बाद 9 मार्च को ईडी ने सिसौदिया को भी गिरफ्तार कर लिया.

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