नई दिल्ली: एक बार फिर दिल्ली आबकारी घोटाले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत बढ़ा दी गई है. राउज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली आबकारी नीति मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर आगे की बहस के लिए 12 अप्रैल की तारीख तय की है. दरअसल […]
नई दिल्ली: एक बार फिर दिल्ली आबकारी घोटाले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत बढ़ा दी गई है. राउज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली आबकारी नीति मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर आगे की बहस के लिए 12 अप्रैल की तारीख तय की है. दरअसल कल इसी मामले में मनीष सिसोदिया को दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया था. जहां से उनकी हिरासत को अब 17 अप्रैल के लिए बढ़ा दिया गया है. बता दें, 31 मार्च को इस मामले में आप नेता की जमानत याचिका को कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया था.
#UPDATE | Rouse Avenue Court fixed April 12 for further arguments on the bail plea of Manish Sisodia in money laundering case related to the Delhi Excise policy case.
— ANI (@ANI) April 5, 2023
दरअसल ED की ओर से पेश हुए अधिवक्ता जोहेब हुसैन ने कोर्ट को बताया कि मनीष सिसोदिया के खिलाफ कुछ नए साक्ष्य जुटा रहे हैं. जो हवाला ऑपरेटर से जुड़ा है. इसी कड़ी में ED ने कोर्ट में कहा कि वह सिसोदिया की पेशी के लिए 10 या 11 अप्रैल तक का समय चाहती है. जहां ED की अपील को स्वीकार करते हुए अब मनीष सिसोदिया की सुनवाई को कोर्ट ने 12 अप्रैल के लिए स्थगित कर दिया है.
सिसोदिया की ओर से कोर्ट में पेश हुए अधिवक्ता विवेक जैन ने कोर्ट से कहा कि उनके मुवक्किल के खिलाफ कोई मामला नहीं बनता है. जहां तक मामला रिश्वत लेने का है तो सिसोदिया के परिवार के किसी भी सदस्य के खाते में कोई भी पैसा नहीं है. कई विभागों के साथ यह नीति उपराज्यपाल के पास और हर स्तर पर मंजूर हुई है.
आगे सिसोदिया के वकील जैन ने अदालत से कहा कि इस बात के लिए उनके पास न तो कोई आरोप है और न ही ऐसा साक्ष्य है कि सिसोदिया ने रुपये लिए हैं। इसके अलावा सरकार को बीते दस सालों में नीति के लागू होने के बाद सबसे ज्यादा राजस्व मिला। जिसके बाद जैन ने अदालत से कहा कि एजेन्सी द्वारा ऐसी कोई सामग्री नहीं पेश गई है जिसमें ये बात साबित हो जाए कि मनी लांड्रिंग अपराध करने में विजय नायर सिसोदिया के प्रतिनिधि थे। ऐसा भी नहीं है कि सिसोदिया ने कभी बोला हो कि ये नियम छोड़ दें या ऐसे लाइसेंस दे दें. अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया है कि कैबिनेट फाइल से छेड़छाड़ की गई लेकिन इस बात के भी कोई साक्ष्य नहीं हैं.