नई दिल्ली: मणिपुर में पांच महीने पहले शुरू हुई हिंसा रुकने का नाम नहीं ले रही है। मणिपुर में इंटरनेट और स्कूल बंद कर दिया गया है। तनाव को देखते हुए इंफाल वेस्ट और इंफाल ईस्ट में कर्फ्यू लगाया गया है। प्रदेश में ताजा हिंसा उस वक्त शुरू हुई जब जुलाई से लापता दो युवकों के शवों की तस्वीरें सोमवार को इंटरनेट से बैन हटने के बाद सोशल मीडिया पर वायरल होने लगी। इसके बाद यहां जगह-जगह प्रदर्शन शुरू हो गए।
विरोध प्रदर्शन सबसे पहले इंफाल में शुरू हुआ। इसके बाद सिंग्जेई की सड़कों पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प शुरू हुई। यहां गाड़ियों में आग लगा दी गई और भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस द्वारा आंसू गैस के गोले दागे गए। बता दें कि विरोध प्रदर्शन बुधवार को भी जारी रहा। इस दौरान कई सुरक्षाबलों के जवान और प्रदर्शनकारी घायल हो गए।
प्रदर्शनकारियों के घायल होने को लेकर मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि अगर सुरक्षा बलों ने गोलियां या किसी भी तरह के घातक हथियार इस्तेमाल किए हैं, तो सरकार इसको बर्दाश्त नहीं करेगी और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि उन्हें सूचना मिली है कि लोहे से बनी वस्तुएं बदमाशों ने सुरक्षाबलों पर फेंकी जिससे कई पुलिसकर्मी भी घायल हो गए हैं।
मणिपुर पुलिस ने रात 9 बजे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट शेयर कर जानकारी दी कि भीड़ द्वारा एक नेता के घर पर हमला करने की कोशिश की गई। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षाबलों ने आंसू गैस के गोले छोड़े और भीड़ को भगा दिया। बता दें कि इस दौरान बेकाबू भीड़ ने पुलिस की एक जिप्सी को जला दिया।
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