इम्फाल: सेना के गश्त लगा रहे एक दल ने मणिपुर (Manipur) के बिष्णुपुर जिले में पुलिस की वर्दी में 11 हथियारबंद लोगों को पकड़ा. पुलिस ने इस मामले पर जानकारी देते हुए बताया कि सैनिकों द्वारा आदमियों को हिरासत लिए जाने और उनके हथियारों को जब्त करने के बाद महिला प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने उन्हें घेर लिया. हिरासत में लिए गए आदमियों को छुड़ाने के लिए मशाल लेकर प्रदर्शन करने वाली महिलाओं ने सेना से आदमियों को छुड़ाने और उनके जब्त किए गए हथियारों को वापस देने की मांग की.
सेना के द्वारा हिरासत में लिए गए आदमियों के बारे में प्रदर्शनकारियों ने कहा कि ये 11 लोग “ग्राम रक्षा स्वयंसेवक” थे और उन्हें निशस्त्र करने से जातीय तनाव के बीच, पास की पहाड़ियों से हथियारबंद लोगों द्वारा उनके गांव पर हमले का खतरा हो सकता है. मंगलवार को हुए प्रदर्शन के जो दृश्य सामने आएं हैं उसमें महिलाओं को सेना को जवानों को धक्का देते हुए देखा जा सकता है जोकि एक बख्तरबंद वाहन के सामने खड़े हैं. प्रदर्शन में चीखने-चिल्लाने की आवाजों के बीच सेना के जवानों ने लोगों की भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हवा में कई राउंड फायरिंग भी करनी पड़ी जिसका ज्यादा असर नहीं हुआ.
गृह मंत्रालय के मुताबिक असम राइफल्स, सीमा सुरक्षा बल और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल जैसे केंद्रीय बल मणिपुर में संवेदनशील क्षेत्रों की रक्षा करने के लिए तैनात हैं जहां मैतेई और कुकी बस्तियां एक साथ हैं. लेकिन मणिपुर में दोनों समुदायों में सैकड़ों सशस्त्र लोग भी हैं जो अपने आपको को “ग्राम रक्षा स्वयंसेवक” बताते हैं.
देश में होने वाले लोकसभा चुनाव से ठीक पहले, मणिपुर से अलग एक अलग प्रशासन की मांग का नेतृत्व कर रहे कुकी जातीय समूह ने तनाव के बीच सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए अपनी जनजातियों के सदस्यों से अपनी लाइसेंसी बंदूकें सुरक्षित रखने के लिए पुलिस स्टेशनों में न देने की मांग की थी.
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