इम्फाल। पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में कुदरत का कहर जारी है. मणिपुर के नोनी जिले में स्थित सेना के कैंप में भूस्खलन हुआ है. जिसमें अब तक 25 लोगों की जान जा चुकी हैं. बता दें कि नोनी झील के पास एक इलाके के पास यानी तुपुल रेलवे स्टेशन के पास 29 जून को बड़े पैमाने […]
इम्फाल। पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में कुदरत का कहर जारी है. मणिपुर के नोनी जिले में स्थित सेना के कैंप में भूस्खलन हुआ है. जिसमें अब तक 25 लोगों की जान जा चुकी हैं. बता दें कि नोनी झील के पास एक इलाके के पास यानी तुपुल रेलवे स्टेशन के पास 29 जून को बड़े पैमाने पर भूस्खलन हुआ था. इस घटना में अब तक 81 लोग लापता हैं. जबकी 18 टेरिटोरियल आर्मी जवानों के शवों का रेस्क्यू किया गया है.
बता दें कि भूस्खलन में कई लोगों की मौत हो चुकी हैं. वहीं मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह आज ही अपने मंत्रियों के साथ घटनास्थल का दौरा करने नोनी पहुंचे थे. उन्होंवे बचाव अभियान की समीक्षा की. सीएम एन बीरेन सिंह ने मरने वालों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये के मुआवजा देने की घोषणा की है.
सीएम बीरेन ने इस घटना को इतिहास का सबसे दर्दनाक हादसा बताया और कहा कि, ‘ यह राज्य के इतिहास में सबसे बुरी घटना है. इस दुखद हादसे में हमने 81 लोगों को गंवा दिया हैं. रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी है और मलबे से आर्मी के जवानों के साथ-साथ आम आदमी को निकाला जा रहा है. ऐसे में बचाव कर्मियों के उत्साहवर्धन के लिए खुद प्रदेश के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने घटना स्थल का जायजा लिया.
सूबे के मुख्यमंत्री एन बीरेन ने घटना स्थल का जायजा लेते हुए जहां इस घटना को राज्य के इतिहास की अब तक की सबसे दुखद घटना बताया वहीं, आश्वासन दिया कि रेस्क्यू ऑपरेशन को 2-3 दिनों में पूरा कर लिया जाएगा. इसके अलावा सीएम बिरेन ने कहा कि केंद्र सरकार ने घटना के बचाव अभियान के लिए एनडीआरएफ और सेना के जवानों को भी भेजा है. चूंकि मिट्टी में नमी है इसलिए वाहनों की आवाजाही में देरी हो रही है. लेकिन जल्द से जल्द फंसे सभी 55 लोगों को निकाल लिया जाएगा.
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