अगरतला. असम सरकार में मंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने शनिवार को कहा कि त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार पश्चिम बंगाल, बांग्लादेश या केरल में शरण ले सकते हैं. बीजेपी ने त्रिपुरा में शानदार जीत दर्ज करते हुए माणिक सरकार का दो दशक का शासन खत्म कर दिया है. हिमंत ने अगरतला में मीडिया से बातचीत में कहा कि माणिक सरकार के सामने तीन विकल्प हैं. वह या तो पश्चिम बंगाल जा सकते हैं, जहां सीपीआई-एम अब भी मौजूद है. वह केरल जा सकते हैं, जहां पार्टी सत्ता में है और तीन साथ और शासन करेगी या वह बांग्लादेश का रुख कर सकते हैं. भाजपा नेता ने कथित तौर पर यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया है कि राज्य में विधानसभा चुनावों के बाद त्रिपुरा के मुख्यमंत्री को बांग्लादेश भेजा जाएगा.त्रिपुरा चुनावों में बीजेपी ने 43 और सीपीआई (एम) ने 16 सीटों पर जीत हासिल की है.
माणिक सरकार के क्षेत्र धनपुर में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए हिमंत बिस्व ने राज्य सरकार पर खराब कानून व्यवस्था और सीमा पार से अपराध को लेकर निशाना साधा. गौरतलब है कि साल 1998 से त्रिपुरा में माणिक सरकार का शासन है. 60 सदस्ययी त्रिपुरा विधानसभा के लिए 59 सीटों पर चुनाव 18 फरवरी को हुआ था.
भाजपा के महासचिव राम माधव ने यहां संवाददताओं को बताया, “हम त्रिपुरा के रुझानों से खुश हैं, जहां भाजपा 40 से अधिक सीटों से सरकार बनाती दिख रही है.” उन्होंने स्वीकार किया कि माकपा ने त्रिपुरा में कड़ी टक्कर दी है लेकिन लोगों ने बदलाव के लिए मतदान किया है. साल 2013 के विधानसभा चुनाव में वाममोर्चे ने 50 सीटें जीती थी. कांग्रेस खाता तक खोलने में असफल रही थी. कई उम्मीदवारों की तो जमानत तक जब्त हो गई थी. भाजपा के विजेताओं में राज्य इकाई के भाजपा अध्यक्ष बिप्लब कुमार देब (बनामालीपुर), सुदीप रॉय बर्मन (अगरतला), रतनलाल नाथ (मोहनपुर), ए.रामपदा जमातिया (बगमा), दिलीप कुमार दास (बरजाला), दिबा चंद्र रांगकावल (करमचरा), आशीष कुमार साहा (बोरोवाली), रतन चक्रबर्ती (खायेरपुर), अतुल देबबर्मा (कृष्णपुर), सुशांत चौधरी (मजलिसपुर) हैं.
आईपीएफटी की ओर से आगे चल रहे उम्मीदवारों में नरेंद्र चंद्र देबबर्मा (तकराजला), मेवार कुमार जमातिया (आश्रमबाड़ी) और प्रशांत देबबर्मा (रामचंद्रघट) हैं. दिग्गज वाम उम्मीदवारों में निवर्तमान जनजातीय कल्याण मंत्री अघोर देबबर्मा (आश्रमबाड़ी), वन एवं ग्रामीण विकास मंत्री नरेश चंद्र जमातिया (बगमा), उपसभापति पबित्रा कर (खायेरपुर), विजय लक्ष्मी सिन्हा (कमालपुर), समिरन मलाकर (पबियाचारा), मनोरंजन देबबर्मा (मंडई बाजार), रतन दास (रामनगर), महिंद्रा चंद्र दास (कल्याणपुर-प्रमोदनगर) और मुख्य सचेतक बसुदेब मजूमदार (बेलोनिया) पीछे चल रहे हैं.
वाममोर्चे के जो उम्मीदवार आगे चल रहे हैं, उनमें मुख्यमंत्री और माकपा पोलितब्यूरो के सदस्य माणिक सरकार (धनपुर), स्वास्थ्य एवं लोककल्याण मंत्री बादल चौधरी (ऋषमुख), शिक्षा मंत्री तपन चक्रबर्ती (चांदीपुर), सूचना, खाद्य एवं नगारिक आपूर्ति मंत्री भानूलाल साहा (बिशालगढ़), खेल एवं युवा मामलों के मंत्री शाहिद चौधरी, विधानसभा अध्यक्ष रामेंद्र चंद्र देबबर्मा और जेल मंत्री महिंद्रा रेंग हैं. राज्य के 20 स्थानों में बनाए गए 59 मतगणना केंद्रों पर तीन स्तरीय सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं. सभी 59 सीटों पर मतगणना जारी है.
निर्वाचन आयोग ने मतगणना प्रक्रिया पर नजर रखने के लिए 47 सामान्य पर्यवेक्षक और आठ पुलिस पर्यवेक्षकों को नियुक्त किया है. राज्य में सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), भाकपा, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), कांग्रेस और निर्दलीयों सहित कुल 290 उम्मीदवार चुनावी मैदान में आमने-सामने हैं. इनमें कुल 23 महिलाएं भी हैं. राज्य में मतदान से एक सप्ताह पहले माकपा के उम्मीदवार रामेंद्र नारायण देबबर्मा के निधन के कारण चारीलाम सीट (जनजातियों के लिए आरक्षित) पर मतदान स्थगित कर दिया गया था, जहां 12 मार्च को मतदान होगा.
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