त्रिपुरा: त्रिपुरा बीजेपी के अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद डॉक्टर माणिक साहा ने आज यानि रविवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है. उन्हें राजभवन में राज्यपाल सत्यदेव नारायण राय ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस शपथ के साथ ही राज्य में करीब साढ़े तीन साल तक चले बिप्लब कुमार देब के राज का अंत हो गया। राजनीतिक पंडितो का मानना है कि बीजेपी ने यह बदलाव चुनाव और पार्टी के अंदर पदाधिकारियों के बीच कोई असंतोष न रहे इसलिए लिया है. बीजेपी ने पहले भी कई राज्यों में यह चुनावी रणनीति अपनाई है, जो अधिकतर सही रहती है. हांलाकि हाल में उत्तराखंड में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे से हम सब वाकिफ है, जिसमें पार्टी के सीएम फेस अपनी ही विधानसभा सीट से चुनाव हार गए थे.
इससे पहले बिप्लब कुमार देब ने कल यानि शनिवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. इसके कुछ घंटे के बाद पार्टी विधायक दल की बैठक हुई जिसमें माणिक साहा के नाम पर मुहर लगी.
भारतीय जनता पार्टी ने साल 2019 के बाद पांच राज्यों में मुख्यमंत्री को बदला है. माणिक साहा पूर्वोत्तर से कांग्रेस के ऐसे चौथे पूर्व नेता हैं जो भाजपा में शामिल होने के बाद क्षेत्र में मुख्यमंत्री बनेंगे।
बीजेपी अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद डॉक्टर माणिक साहा बीजेपी में शामिल होने से पहले कांग्रेस में थे. वे सीएम बनने वाले इस क्षेत्र के पूर्वोत्तर के चौथे पूर्व कांग्रेस नेता हैं. इससे पहले असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा, अरुणाचल प्रदेश के सीएम पेमा खांडू और मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह इसी तरह मुख्यमंत्री बने है. वहीं मणिक साहा को त्रिपुरा का नया मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद विपक्ष ने भारतीय जनता पार्टी को जमकर घेरा है. राजनीतिक पंडितो का मानना है कि नेतृत्व में किए जा रहे परिवर्तनों को पार्टी ग्राउंड फीडबैक के विश्लेषण के आधार पर कर रही है.
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