नई दिल्ली: सुल्तानपुर की पूर्व बीजेपी सांसद मेनका गांधी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ा झटका मिला है। कोर्ट ने उनकी सुल्तानपुर लोकसभा सीट पर 2024 के चुनाव में समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार रामभुआल निषाद के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया है।
मेनका गांधी ने अपनी याचिका में दावा किया था कि रामभुआल निषाद के खिलाफ कुल 12 आपराधिक मामले लंबित हैं, जबकि उनके चुनावी हलफनामे में केवल आठ मामलों का ही उल्लेख किया गया था। गांधी ने आरोप लगाया कि हलफनामे में आपराधिक मामलों का खुलासा न करना या इसे छिपाना भ्रष्ट आचरण की श्रेणी में आता है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने मेनका गांधी की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि यह याचिका समय सीमा का उल्लंघन करती है। जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत चुनाव परिणाम की घोषणा के 45 दिनों के भीतर किसी भी चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका दायर की जानी चाहिए। मेनका गांधी की याचिका इस अवधि के समाप्त होने के सात दिन बाद दायर की गई थी, इसलिए कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया।
हाईकोर्ट का यह फैसला मेनका गांधी के लिए एक बड़ा झटका है। याचिका खारिज होने के बाद अब वे इस मामले में आगे क्या कदम उठाएंगी, यह देखना होगा। यह घटनाक्रम भारतीय राजनीति में चुनावी प्रक्रिया और कानून के अनुपालन की महत्वता को एक बार फिर उजागर करता है।
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