नई दिल्ली: बिहार का रहने वाला 20 साल का लड़का अगस्त में लापता हो गया था. परिजनों ने उसकी बहुत खोजबीन की, लेकिन कुछ भी पता नहीं चला. इस घटना के बाद परिजनों ने उसे मृत मानकर उसका अंतिम संस्कार कर दिया था. वह महाराष्ट्र के ठाणे जिले में कल्याण रेलवे स्टेशन पर मिला है. RPF ने बहुत कोशिशों के बाद उसे उसके परिवार से मिला दिया है .
रेलवे सुरक्षा बल ने बिहार के एक युवक जो करीब 20 साल का है. उसे 9 महीने बाद उसके परिवार से मिलाया है. यह युवक लापता हो गया था और परिवार के लोगों ने उसे मृत मानकर उसका अंतिम संस्कार तक कर दिया था. मानसिक रूप से कमजोर यह लड़का RPF को मुंबई के पास ठाणे जिले में कल्याण रेलवे स्टेशन के पास भीख मांगते हुए मिला है.
एजेंसी के मुताबिक, एक ऑफिसर ने कहा कि अर्जुन कुमार नाम का युवक है जो कि अगस्त में लापता हो गया था, जब वह हिमाचल प्रदेश से बिहार अपने गृहनगर के लिए निकला था. हिमाचल में अर्जुन के माता-पिता काम करते थे. RPF मुंबई के वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त ऋषि कुमार शुक्ला को कल्याण रेलवे स्टेशन के आसपास घूम रहे शख्स के बारे में जानकारी मिली थी. इसके बाद उन्होंने युवक के बारे में पता लगाने के निर्देश दिए.
आरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारी राकेश कुमार ने बताया कि हमने उस युवक का पता लगाया और फिर उसे ढूंढकर उससे पूछताछ की, लेकिन वह अपने घर और परिवार के बारे में कुछ भी नहीं बता पा रहा था. उसने केवल अपना नाम बताया अर्जुन है और उसे बिलकुल नहीं मालूम कि वह कल्याण में कैसे पहुंचा.
वह रेलवे स्टेशन पर बहोत दिनों तक भीख मांगता रहा. वह लड़का काफी कमजोर हालत में था. RPF अधिकारियों ने उसे खाना दिया और उसकी देखभाल की. जब उसकी हालत ठीक हुई तो भी वह कोई जानकारी नहीं दे पा रहा था . उसकी भाषा के आधार पर अधिकारियों ने पता लगाया कि वह पटना जिले का रहने वाला है, क्योंकि वह लड़का मगही भाषा बोल रहा था. इसके बाद RPF कल्याण ने पटना के कई पुलिस स्टेशनों से संपर्क किया और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का सहारा लिया.
RPF के सीनियर अफसर राकेश कुमार ने कहा कि काफी कोशिशों के बाद दुलहिन बाजार पुलिस स्टेशन से युवक के परिवार और उसके पुरे पते के बारे में जानकारी मिली.इसके बाद पुलिस ने उस लड़के के पिता गनहोरी दास से संपर्क किया. अर्जुन के पिता हिमाचल प्रदेश के बद्दी में सिक्योरिटी गार्ड हैं. इसके बाद परिवार के सभी लोग पहुंचे और परिजनों को सिर्फ इतना मालूम था कि वह ट्रेन से बिहार आने के लिए निकला लेकिन घर नहीं पहुंच सका.
इसके बाद परिजनों ने बहुत खोजबीन की, लेकिन कोई पता नहीं चला तो परिजनों ने अपने रिश्तेदारों के कहने पर फरवरी 2024 में उसे मृत मानकर उसका अंतिम संस्कार कर दिया. गुरुवार को जब युवक अपने परिवार से मिला तो वे भावुक हो गए. विभाग की ओर से कहा गया कि लड़के का उसके परिवार से मिलना आरपीएफ के अटूट समर्पण का प्रमाण है.
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