नई दिल्ली: नई संसद में केंद्र सरकार द्वारा महिला आरक्षण से जुड़े नारी शक्ति वंदन बिल को पेश किया जा चुका है. आज इस बिल पर लोकसभा में चर्चा का दूसरा दिन है. चर्चा के दौरान पार्टियां इस बिल पर अपने-अपने नाम का दावा ठोंक रही हैं. जहां कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी ने इस बिल […]
नई दिल्ली: नई संसद में केंद्र सरकार द्वारा महिला आरक्षण से जुड़े नारी शक्ति वंदन बिल को पेश किया जा चुका है. आज इस बिल पर लोकसभा में चर्चा का दूसरा दिन है. चर्चा के दौरान पार्टियां इस बिल पर अपने-अपने नाम का दावा ठोंक रही हैं. जहां कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी ने इस बिल को राजीव गाँधी का सपना करार दिया था अब तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने बिल पर चर्चा के दौरान पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को ‘मदर ऑफ बिल’ बता दिया है.
टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने बहस के दौरान लोकसभा में कहा कि पहले से ही ममता बनर्जी ने लोकसभा में महिलाओं को पर्याप्त जगह दी है. असल मायने में वह मदर ऑफ बिल हैं. आगे उन्होंने इस बिल को जल्द से जल्द कानून बनाने की मांग भी की है. वह कहती हैं कि महिलाओं को बराबर का अधिकार मिलना चाहिए. इसके अलावा महिला आरक्षण बिल पर हो रही देरी पर भी महुआ मोइत्रा ने निराशा जाहिर की है. उन्होंने आगे कहा कि आज मेरे लिए गर्व और शर्म की बात है कि आजादी के 75 साल बीत जाने के बाद मैं महिला आरक्षण बिल पर हो रही चर्चा में शामिल हो रही हूं.
वह आगे कहती हैं कि ये मेरे लिए गर्व की बात है कि मैं एक ऐसी पार्टी से हूं जिससे संसद पहुँचने वाले सदस्यों में से 37 प्रतिशत महिलाएं हैं. लेकिन दुःख की बात ये है कि मैं उस संसद से ताल्लुक रखती हूं जहां 15 फीसदी सदस्य महिलाएं हैं. ये महिलाएं अंतरराष्ट्रीय मानकों से भी कम हैं. दलित और मुस्लिम महिलाओं का प्रतिनिधित्व संसद में लगातार कम होता जा रहा है. 17वीं लोकसभा में मात्र 2 ही मुस्लिम महिलाएं हैं. ये दोनों ही सांसद पश्चिम बंगाल से हैं और दोनों ही तृणमूल कांग्रेस से हैं.
टीएमसी सांसद आगे कहती हैं कि भाजपा के नेता हमसे संपर्क कर रहे हैं और बिना शर्त के साथ इस बिल को पास करने में समर्थन मांग रहे हैं. हम उनसे कहना चाहते हैं कि TMC ना केवल इस बिल का समर्थन कर रही है बल्कि असलियत ये है कि भारत की एकमात्र महिला मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को ‘मदर ऑफ दिस बिल’ कहा जाना चाहिए। उन्होंने अपनी पार्टी से 37 फीसदी महिलाओं को इस संसद में भेजा है और महिलाओं को संसद और विधानसभा में प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने का विचार दिया है. लेकिन आपने क्या किया और कितने लोगों को भेजा है?