नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी भले ही ‘इंडिया’ गठबंधन का हिस्सा है, लेकिन लोकसभा चुनाव से पहले वो गठबंधन से अलग होती नजर आ रही है। बता दें कि ममता बनर्जी ने कांग्रेस की 10-12 सीट की मांग को लेकर नाराजगी जताई। सीट शेयरिंग को लेकर जारी तनातनी के […]
नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी भले ही ‘इंडिया’ गठबंधन का हिस्सा है, लेकिन लोकसभा चुनाव से पहले वो गठबंधन से अलग होती नजर आ रही है। बता दें कि ममता बनर्जी ने कांग्रेस की 10-12 सीट की मांग को लेकर नाराजगी जताई। सीट शेयरिंग को लेकर जारी तनातनी के बीच ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल की सभी 42 सीटों पर अकेले लोकसभा चुनाव में उतरेगी।
ममता बनर्जी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में हम लोकसभा चुनाव अकेले लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि हमने जो प्रस्ताव दिए थे, उन्होंने(कांग्रेस ने) सभी ठुकरा दिए। मेरा प्रस्ताव नहीं माना इसलिए अब हम अकेले चुनाव लड़ेंगे। ममता ने आगे कहा कि राहुल गांधी की रैली हो रही है, उसको लेकर हमें सूचना नहीं दी, जबकि हम इंडिया गठबंधन में हैं।
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने नाम उजागर न करने की शर्त पर बैठक की जानकारी साझा की और कहा कि हमारी पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी ने साफ तौर पर कहा कि हमें कांग्रेस के साथ सीट-बंटवारे की बातचीत के बारे में सोचने की जरूरत नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पार्टी ने दो सीट की पेशकश की थी लेकिन कांग्रेस कई बार 10-12 सीट की मांग कर चुकी है। बता दें कि तृणमूल कांग्रेस विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ का हिस्सा है।
इससे पहले टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने मंगलवार को 10-12 लोकसभा सीटों की ‘अनुचित’ मांग का हवाला देते हुए पश्चिम बंगाल में सीट बंटवारे पर चर्चा में देरी के लिए कांग्रेस की आलोचना की। टीएमसी ने राज्य में कांग्रेस को केवल दो सीट देने की पेशकश की है। मुख्यमंत्री बनर्जी ने तृणमूल का गढ़ माने जाने वाले जिले बीरभूम की पार्टी इकाई की बंद कमरे में संगठनात्मक बैठक के दौरान ये बात कही।
दरअसल, सीट बंटवारे को लेकर कांग्रेस और टीएमसी के बीत लगातार तकरार चल रही थी। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 10-12 लोकसभा सीटों की अनुचित मांग का हवाला देते हुए पश्चिम बंगाल में सीट शेयरिंग पर चर्चा में देरी के लिए कांग्रेस की आलोचना की थी। ये देखते हुए कि 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान उन निर्वाचन क्षेत्रों में उसका प्रदर्शन बेहतर रहा है, टीएमसी कांग्रेस को सिर्फ दो सीटें देने को तैयार थी।