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बीजेपी कांग्रेस से इतर मिशन 2019 के लिए थर्ड फ्रंट की कवायद तेज, ममता बनर्जी से मिले तेलंगाना के सीएम KCR

मशहूर वकील और पूर्व केंद्रीय मंत्री राम जेठमलानी ने अगले लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी को हराने के लिए पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के नेतृत्व में तीसरा मोर्चा बनाने की बात कही थी. अब तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने कोलकाता में ममता बनर्जी से थर्ड फ्रंट के मुद्दे पर बात की.

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mamata banerjee k chandrasekher rao meet in kolkata
  • March 19, 2018 11:52 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

नई दिल्ली. लोकसभा चुनावों के दिन जैसे- जैसे नजदीक आ रहे हैं राजनीतिक गलियारों में तेजी से समीकरण बद रहे हैं. कहीं पुराने दोस्त जुदा हो रहे हैं तो कहीं पुराने दुश्मन हाथ मिला रहे हैं. पिछले दिनों से यही सब राजनीति में देखने को मिल रहा है. सभी पार्टियां अपनी-अपनी गोटियां बिठाने में लगी हैं. लोकसभा चुनाव के मद्देनज़र एक तरफ जहां कांग्रेस विपक्ष को एकजुट करने में जुटी है, वहीं दूसरी ओर तीसरा मोर्चा यानी ‘थर्ड फ्रंट’ की कवायद भी तेज हो रही है.

थर्ड फ्रंट को लेकर तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (KCR) ने सोमवार को पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी से कोलकाता में मुलाकात की. इस मुलाकात में दोनों नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि ‘देश को बदलाव की जरूरत है’. केसीआर ने यहां 2019 के आम चुनाव के लिए बीजेपी और कांग्रेस के बगैर अलग गठबंधन बनाने की पहल की. लेकिन फिलहाल ममता बनर्जी ने थर्ड फ्रंट के प्लान पर आगे बढ़ने से मना कर दिया है.

इस मुलाकात के बाद तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के अध्यक्ष ने कहा कि अब बीजेपी और कांग्रेस से आगे जाकर सोचने की जरूरत है. उन्होंने आरोप लगाया कि दोनों ही पार्टियों ने देश के लिए कुछ नहीं किया. इस मुलाकात के बाद केसीआर और ममता बनर्जी ने संयुक्त रुप से मीडिया से बात की. इस दौरान तेलंगाना के सीएम केसीआर ने कहा कि अभी थर्ड फ्रंट पर बातचीत शुरू हुई है. हम दूसरी पार्टियों से भी संपर्क करने की कोशिश करेंगे.

इस मुलाकात के बाद ममता बनर्जी ने कहा कि यह अच्छी शुरुआत है. मेरा मानना है कि राजनीति एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है. हमने मीटिंग में जो भी चर्चा की, वो सीधे तौर पर देश के विकास से जुड़ा है. मुझे नहीं लगता कि किसी एक पार्टी को देश में शासन करना चाहिए.

बता दें कि हाल के दिनों में ताजा घटनाक्रमों ने अभी से किसी के समर्थन या विरोध की सभी संभावनाओं को झुठला दिया है. आंध्र प्रदेश में टीडीपी ने एनडीए से नाता तोड़ लिया है. वहीं जगन मोहन रेड्डी की पार्टी भी बीजेपी का विरोध कर रही है. इससे पहले यूपी में जिस तरह का माहौल गोरखपुर फूलपुर उपचुनाव में देखने को मिला इसकी बिल्कुल उम्मीद नहीं थी. यहां सपा बसपा बीजेपी के विरोध में 22 साल बाद एक हो गईं.

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