नई दिल्ली: बजट भाषण के बाद अब विपक्ष समेत देश की तमाम पार्टियों के नेता केंद्र की आगामी वित्तीय वर्ष को लेकर योजनाओं पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं. इसी कड़ी में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का भी बयान सामने आया है. उन्होंने केंद्र सरकार के इस बजट की आलोचना की है. The […]
नई दिल्ली: बजट भाषण के बाद अब विपक्ष समेत देश की तमाम पार्टियों के नेता केंद्र की आगामी वित्तीय वर्ष को लेकर योजनाओं पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं. इसी कड़ी में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का भी बयान सामने आया है. उन्होंने केंद्र सरकार के इस बजट की आलोचना की है.
The budget was presented by the Modi govt keeping in view the upcoming Assembly polls in 3-4 states. There's nothing in the budget for poor people & to control inflation. No steps for jobs, to fill govt vacancies & MNREGA: Congress president Mallikarjun Kharge on #UnionBudget2023 pic.twitter.com/af8AHZhEhN
— ANI (@ANI) February 1, 2023
जहां कुछ विपक्षी नेताओं ने केंद्र सरकार के बजट 2023 को चुनावी करार दिया है वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इसे जुमला बजट बताया है. बजट भाषण के बाद मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “यह बजट दो-चार राज्य के चुनाव को देखकर पेश किया गया है, ये एक जुमला बजट है. इस बजट में महंगाई को रोकने के लिए कुछ नहीं है. इस बजट में रोजगार के लिए भी कुछ नहीं है. सरकारी भर्ती के लिए भी केंद्र सरकार के इस बजट में कुछ नहीं है. इसके अलावा गरीब के लिए इस बजट में कुछ नहीं है.” वह आगे कहते हैं कि भाजपा ने पहले कहा था कि प्रति वर्ष वे 2 करोड़ नौकरियां देंगे। लेकिन सरकारी भर्तियों को भरने के लिए भी कुछ भी नहीं किया गया है. गरीब, बेरोजगार के लिए इस बजट में कुछ नहीं है.
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने बजट में कुछ चीजें अच्छी है इसको पूरी तरीके से नकारा नहीं जा सकता है. बजट में मनरेगा का कोई जिक्र नहीं किया गया है. सरकार ने बेरजगारी और मंहगाई के बारे में कुछ नहीं बताया कि इस पर कैसे काबू पाये गी.
पूर्व सीएम फारूख अब्दुल्ला ने बजट की तारीफ करते हुए कहा कि, इस बजट से मीडिल क्लास को राहत मिलेगी. बजट में सरकार ने सबको कुछ न कुछ दिया है.
कांग्रेस के नेता और महासचिव केसी वेणुगोपाल ने बजट देश के वास्तविक भावना को देखकर नहीं बनाया गया है. बजट में सिर्फ फैंसी घोषणाएं की गई है, सरकार ने पहले की घोषणाएं को भी धरातल पर नहीं उतारा है. इस बजट से बीमा कंपनियों से फायदा हुआ है किसानों को नहीं.