ब्लड बैंक ने रक्तदान को लेकर नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं. जिसके अनुसार रक्तदान करने से पहले पुरुषों से पूछा जाएगा कहीं वे समलैंगिक (गे) तो नहीं, य़ा फिर उनके मल्टिपिल पार्टनर तो नहीं. साथ ही ये सवाल किया जाएगा कि वे किसी कैंसर, आर्गन फेलियर, एलर्जी या फिर श्वास से संबंधित किसी बीमारी से पीड़िता तो नहीं है.
नई दिल्लीः रक्त दान करने ने पहले अब पुरुषों को यौन व्यवहार से जुड़े कुछ सवालों के जबाव देना जरूरी होगा. जैसे कि कहीं उनके मल्टिपल पार्टनर तो नहीं, कहीं वह समलैंगिक तो नहीं. आपको बता दें कि भारत में समलैंगिक पुरुषों के रक्तदान पर दशकों से प्रतिबंध लगा हुआ है, लेकिन ऐसा पहली बार होगा जब किसी फॉर्म में उन्हें लिखित में सवालों के जवाब देने होंगे.
मुंबई के ब्लड बैंकों को अक्टूबर 2017 में ही नेशनल ब्लड ट्रांसफ्यूजन काउंसिल की ओर से अपडेटि किए हुए फार्म मिले हैं. जिसमें रक्तदान करने वालों को कुछ निर्देश दिए गए हैं. निर्देशों में कहा गया है कि समलैंगिक, बाय-सेक्सुअल पुरुष, ट्रांसजेडर और महिला यौनकर्मी कभी रक्तदान नहीं कर सकते क्योंकि उनमें एचआईवी और हेपिटाइटिस बी और सी से संक्रमण का खतरा बना रहता है.
यह प्रतिबंध ऐसे लोगों पर लागू होता है जो कैंसर, आर्गन फेलियर, एलर्जी या फिर श्वास से संबंधित किसी बीमारी से पीड़ित हैं. ब्लड बैंक कर्मियों का कहना है कि ये फॉर्म विकसित देशों के तर्ज पर तैयार किए गए हैं. इससे जिन मरीजों को खून की जरूरत होती है उन्हें भविष्य में कोई खतरा नहीं होगा. बता दें कि रक्तदान करने वाले पुरुष से पहले पूछा जाएगा कहीं आपके मल्टिपिल पार्टनर तो नहीं या कहीं आप समलैंगिक तो नहीं क्योंकि उनमें एचआईवी और हेपिटाइटिस बी और सी से संक्रमण का खतरा बना रहता है. इसलिए ब्लड बैंक ने ये नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं
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