नई दिल्ली. हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी मकर संक्रांति (Makar Sankranti 2022) पर गंगासागर, गंगा, गोदावरी, प्रयाग इन तमाम पवित्र नदियों पर स्नान के लिए जन सैलाब उमड़ पड़ा. लेकिन पिछले दो सालों की तरह इस साल भी मकर संक्रांति पर कोरोना का साया मंडरा रहा है. यही वजह है कि हरिद्वार और ऋषिकेष में इस अवसर पर गंगा स्नान के लिए सीमित संख्या में ही श्रद्धालुओं को स्नान की अनुमति दी गई है. वहीँ, प्रयाग, गढमुक्तेश्वर, बनारस और गंगासागर में स्नान के लिए घाटों पर पर कई तरह की पाबंदियां हैं. इन सभी पाबंदियों और नियमों के साथ ही तमाम पवित्र स्थलों पर श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई है. ऐसे में, इस कोरोना काल में अगर आप घर में रहकर स्नान करें तो ये सबसे उत्तम है.
मकर संक्रांति के पर पुण्य काल यानि कि 8 बजे के बाद स्नान करने की विशेष मान्यता है. इसके अलावा स्नान के वक़्त उत्तर दिशा की ओर मुँह करके माता का आह्वान कर यह मंत्र भी बोलना चाहिए, गंगे, च यमुने, चैव गोदावरी, सरस्वति, नर्मदे, सिंधु, कावेरि, जलेSस्मिन् सन्निधिं कुरु। माना जाता है कि इस तरह स्नान करने से पुण्य मिलेगा, साथ ही सभी कष्टों का निवारण होगा.
मकर संक्रांति के दिन दान-पुण्य की विशेष मान्यता है. इस बार 14 जनवरी और 15 जनवरी दोनों ही दिन पुण्यकाल है और स्नान, दान का मुहूर्त बन रहा है. हालांकि, 14 जनवरी को संक्रांति का ज्यादा शुभ संयोग बन रहा है. बता दें कि उत्तरायण काल में संक्रांति का शुभ मुहूर्त शुकवार, 14 जनवरी को दोपहर 2 बजकर 43 मिनट से लेकर शाम 5 बजकर 45 मिनट तक रहेगा.
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