नई दिल्ली। तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा पर संसद में सवाल पूछने के बदले बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी से पैसे लेने के आरोपों को लेकर शुक्रवार को बयानबाजी जारी रही। लोकसभा की एथिक्स कमेटी के चेयरमैन विनोद सोनकर ने कहा कि उनको रियल एस्टेट से लेकर ऊर्जा क्षेत्र में काम करने वाले ग्रुप हीरानंदानी के […]
नई दिल्ली। तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा पर संसद में सवाल पूछने के बदले बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी से पैसे लेने के आरोपों को लेकर शुक्रवार को बयानबाजी जारी रही। लोकसभा की एथिक्स कमेटी के चेयरमैन विनोद सोनकर ने कहा कि उनको रियल एस्टेट से लेकर ऊर्जा क्षेत्र में काम करने वाले ग्रुप हीरानंदानी के सीईओ दर्शन हीरानंदानी का एफिडेविट मिला है। उनके इस बयान पर टीएमसी की नेता महुआ मोइत्रा ने पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा का एजेंडा है मुझे चुप कराना।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि एथिक्स कमेटी के चेयरमैन मीडिया से बात कर रहे हैं। उन्होंने लिखा कि कृपया लोकसभा के नियम देखें। उन्होंने कहा कि कैसे एफिडेविट मीडिया तक पहुंचा? मोइत्रा ने कहा कि चेयरमैन को इसकी जांच करानी चाहिए कि यह कैसे लीक हुआ। मैं दोहराती हूं कि भाजपा एक सूत्रीय एजेंडा अडानी मामले में मेरा मुंह बंद कराने के लिए लोकसभा से बाहर निकालना है।
एथिक्स कमेटी के चेयरमैन विनोद सोनकर ने कहा कि मुझे शुक्रवार को अपने कार्यालय से सूचना मिली कि हीरानंदानी की दो पेज की चिट्ठी आई है। उन्होंने कहा कि 26 तारीख को मैंने एथिक्स कमेटी की बैठक बुलाई गई है, जिसमें सांसद निशिकांत दुबे और वकील को बुलाया गया है। सोनकर ने आगे कहा कि निशिकांत दुबे कमेटी के सामने आकर अपना बयान दर्ज कराएंगे और जो भी साक्ष्य उनके पास होंगे वह कमेटी को देंगे।