Mahua Moitra: आज महुआ मोइत्रा की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई, निष्कासन को दी चुनौती

नई दिल्लीः पैसे लेकर सवाल पूछने के मामले में लोकसभा से निष्कासन के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस की नेता महुआ मोइत्रा की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा। जस्टिस संजीव खन्ना की अगुवाई वाली बेंच मामले की सुनवाई करेगी। मोइत्रा ने बुधवार को अपनी याचिका पर जल्द से जल्द सुनवाई करने का अनुरोध किया था। […]

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Mahua Moitra: आज महुआ मोइत्रा की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई, निष्कासन को दी चुनौती

Tuba Khan

  • December 15, 2023 12:30 pm Asia/KolkataIST, Updated 12 months ago

नई दिल्लीः पैसे लेकर सवाल पूछने के मामले में लोकसभा से निष्कासन के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस की नेता महुआ मोइत्रा की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा। जस्टिस संजीव खन्ना की अगुवाई वाली बेंच मामले की सुनवाई करेगी। मोइत्रा ने बुधवार को अपनी याचिका पर जल्द से जल्द सुनवाई करने का अनुरोध किया था।

निष्कासन को दी है चुनौती

पिछले हफ्ते मोइत्रा को पैसे लेकर सवाल पूछने के मामले में लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया था। मोइत्रा ने उनके निष्कासन की सिफारिश करने वाली लोकसभा की आचार समिति पर पर्याप्त सबूत के बिना फैसले लेने और मनमानी का आरोप लगाया है। महुआ मोइत्रा ने अपनी याचिका में अयोग्यता को चुनौती देने के साथ आचार समिति के निष्कर्षों पर चर्चा के समय लोकसभा में खुद का बचाव करने की अनुमति नहीं दिए जाने की बात रखी है. आचार समिति की तरफ से लोकसभा में रिपोर्ट रखे जाने के बाद सदन के अध्यक्ष ने उन्हें निष्कसित करार दिया था। इसी के खिलाफ टीएमसी सांसद सर्वोच्च न्यायालय पहुंचीं हैं।

ओम बिरला को भेजी थी शिकायत

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने वकील जय अनंत देहाद्राई के माध्यम से मोइत्रा के खिलाफ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को शिकायत की थी, जिसमें उन पर अडाणी समूह और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को निशाना बनाने के लिए कारोबारी दर्शन हीरानंदानी के कहने पर सदन में सवाल पूछने के बदले रिश्वत लेने का आरोप है।

एथिक्स कमेटी के अध्यक्ष विनोद सोनकर ने शुक्रवार को लोक सभा में रिपोर्ट पेश किया जिसमे महुआ मोइत्रा के आचरण को आपत्तिजनक, अनैतिक, जघन्य और आपराधिक बताते हुए एथिक्स कमेटी ने उन्हें कड़ी सजा देने की मांग करते हुए लोक सभा की सदस्यता से निष्कासित करने की सिफारिश सामने रखी थी. कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में भारत सरकार द्वारा समयबद्ध तरीके से इस पूरे केस की गहन, कानूनी और संस्थागत जांच की सिफारिश भी की है.

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