नई दिल्लीः भारतीय जनता पार्टी के सांसद निशिकांत दुबे ने शनिवार को कहा कि टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा की सांसदी जाने से उन्हें दुख हुआ है। उन्होंने कहा कि उनके लिए खुशी का मौंका नहीं था। महुआ मोइत्रा को पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के मामले में शुक्रवार को अनैतिक एवं अशोभनीय आचरण’ के […]
नई दिल्लीः भारतीय जनता पार्टी के सांसद निशिकांत दुबे ने शनिवार को कहा कि टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा की सांसदी जाने से उन्हें दुख हुआ है। उन्होंने कहा कि उनके लिए खुशी का मौंका नहीं था। महुआ मोइत्रा को पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के मामले में शुक्रवार को अनैतिक एवं अशोभनीय आचरण’ के लिए लोकसभा की सदस्यता से निलंबित कर दिया गया है।
बता दें कि निशिकांत दुबे महुआ मोइत्रा के खिलाफ शिकायत वाले पहले सांसद हैं। जब उनसे सवाल पूछा गया कि मोइत्रा को निष्कासित किया गया तो क्या उनके लिए यह खुशी का दिन है ? इस पर उन्होंने कहा कि यह मेरे लिए खुशी का दिन नहीं हो सकता। उनका एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें वह कह रहे हैं एक सांसद की भ्रष्टाचार और राष्ट्रीय सुरक्षा के खिलवाड़ के आरोपों की वजह से सदस्यता जाती है तो बतौर सांसद मुझे दुख होता है। यह मेरे लिए खुशी का दिन नहीं था, दुख का दिन था।
बता दें, भाजपा सांसद विनोद कुमार सोनकर की अध्यक्षता वाली एथिक्स कमेटी ने गत नौ नवंबर को अपनी एक बैठक में मोइत्रा को पैसे लेकर सदन में सवाल पूछने के आरोपों में लोकसभा से निलंबित करने की सिफारिश वाली रिपोर्ट को स्वीकार किया था। समिति के छह सदस्यों ने रिपोर्ट के समर्थन में मतदान किया था। इनमें कांग्रेस से निलंबित सांसद परनीत कौर भी शामिल थी। वहीं समिति के चार विपक्षी सदस्यों ने रिपोर्ट के विरोध में वोट किया था।
पश्चिम बंगाल की सीएम और तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने मोइत्रा को लोकसभा की सदस्यता से निलंबित करने के फैसले की निंदा की और इस कदम को देश के संसदीय लोकतंत्र के साथ विश्वासघात बताया। वहीं संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने शुक्रवार यानी 8 दिसंबर को लोकसभा में मोइत्रा के निष्कासन का प्रस्ताव पेश किया, जिसे सदन ने ध्वनिमत से पास कर लिया गया। इससे पहले सदन में लोकसभा की एथिक्स कमेटी की उस रिपोर्ट को चर्चा के बाद मंजूरी दी गई, जिसमें मोइत्रा को निष्कासित करने की सिफारिश की गई थी।