Mahua moitra: महुआ मोइत्रा घूसकांड में निशिकांत दुबे का बयान, मैं किसी का प्रवक्ता नहीं, एक शिकायतकर्ता ….

नई दिल्लीः पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के मामले में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा चौतरफा घिर चुकी हैं और अब उनकी सांसदी जाने का भी खतरा है। संसदीय एथिक्स कमेटी ने इस मामले में जांच रिपोर्ट लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को सौंप दी है। वहीं एक बार फिर झारखंड के गोड्डा से बीजेपी सांसद […]

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Mahua moitra: महुआ मोइत्रा घूसकांड में निशिकांत दुबे का बयान, मैं किसी का प्रवक्ता नहीं, एक शिकायतकर्ता ….

Sachin Kumar

  • November 11, 2023 7:36 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

नई दिल्लीः पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के मामले में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा चौतरफा घिर चुकी हैं और अब उनकी सांसदी जाने का भी खतरा है। संसदीय एथिक्स कमेटी ने इस मामले में जांच रिपोर्ट लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को सौंप दी है। वहीं एक बार फिर झारखंड के गोड्डा से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने बिना नाम लिए महुआ मोइत्रा पर निशाना साधा है, जिसमें उन्होंने ‘टुकड़े टुकड़े गैंग’ का जिक्र किया है।

निशिकांत दुबे का टुकड़े – टुकड़े गैंग पर निशाना

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे एक्स पर पोस्ट पर लिखा, ‘भारत के संवैधानिक संस्थाओं पर प्रहार देश के टुकड़े टुकड़े गैंग के लिए एक चलन बन गया है। भ्रष्टाचार की आरोपी टीएमसी सांसद के खिलाफ मैंने शिकायत लोकपाल में दर्ज की और लोकपाल ने उसे संज्ञान में लेकर अपनी जांच एजेंसियों को मामला दर्ज करने को कहा। उन्होंने कहा कि मैं किसी संवैधानिक संस्था का प्रवक्ता नहीं हूं। मैं केवल एक शिकायतकर्ता हूं।

वहीं संसद की एथिक्स कमेटी ने महुआ मोइत्रा के अपराध को गंभीर माना है. सूत्रों के अनुसार, कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता रद्द करने की सिफारिश कर दी है। मोइत्रा के खिलाफ इस रिपोर्ट को कमेटी ने गुरुवार की बैठक में मंजूरी दी थी। इस रिपोर्ट के समर्थन में 6 और विरोध में 4 सांसदों ने वोट डाले थे।

निशिकांत दुबे ने लगाए थे आरोप

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने 15 अक्टूबर को लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को चिट्ठी लिखी थी। इसमें उन्होंने आरोप लगाए थे कि महुआ ने संसद में सवाल पूछने के लिए बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी से पैसे और गिफ्ट लिए थे। दुबे ने महुआ के पूर्व दोस्त और वकील जय अनंत देहाद्राई की लिखी चिट्ठी को आधार बनाकर ये आरोप लगाए थे। इस मामले को लोकसभा स्पीकर ने एथिक्स कमेटी को जांच के लिए भेज दिया गया था।

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