नई दिल्ली: संसद से निष्कासित तृणमूल कांग्रेस (TMC) नेता महुआ मोइत्रा ने सरकारी बंगला खाली करने के सरकार के फैसले के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट (Mahua Moitra Moves High Court) का रुख किया है. 11 दिसंबर को संपदा निदेशालय ने संसद से निकाले जाने के बाद महुआ मोइत्रा को 7 जनवरी तक अपना सरकारी आवास […]
नई दिल्ली: संसद से निष्कासित तृणमूल कांग्रेस (TMC) नेता महुआ मोइत्रा ने सरकारी बंगला खाली करने के सरकार के फैसले के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट (Mahua Moitra Moves High Court) का रुख किया है. 11 दिसंबर को संपदा निदेशालय ने संसद से निकाले जाने के बाद महुआ मोइत्रा को 7 जनवरी तक अपना सरकारी आवास खाली करने का आदेश दिया है. टीएमसी नेता ने हाई कोर्ट में दाखिल याचिका में आग्रह किया है कि उन्हें 2024 लोकसभा चुनाव के नतीजे आने तक वैकल्पिक रूप से आवास पर कब्जा बनाए रखने की अनुमति दी जाए.
सरकारी आवास खाली करने के सरकार के फैसले को चुनौती देने के लिए महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra Moves High Court) ने दिल्ली के हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है. इसमें उन्होंने अदालत से आग्रह किया है कि संपदा निदेशालय के 11 दिसंबर के आदेश को रद्द कर दिया जाए, जिसमें उन्हें 7 जनवरी तक सरकारी बंग्ला खाली करने को कहा गया है. इसके साथ ही महुआ ने अदालत से मांग की है कि उन्हें 2024 लोकसभा के नतीजे आने तक वैकल्पिक रूप से आवास पर कब्जा बनाए रखने की अनुमति दी जाए. जानकारी के मुताबिक, टीएमसी नेता के इस याचिका को मंगलवार (19 दिसंबर) को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जा सकता है.
गौरतलब है कि टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा को पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के लिए दोषी पाया गया था. इसके साथ ही कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से गिफ्ट लेने और उनके साथ संसद की वेबसाइट का लॉगइन आईडी और पासवर्ड शेयर करने के लिए महुआ को लोकसभा से निष्कासित किया गया था. जानकारी हो कि इस फैसले को टीएमसी नेता ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. इस पूरे मामले को सुप्रीम कोर्ट में 3 जनवरी, 2024 को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है.
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