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Mahua Moitra: टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा फंस गईं, सीबीआई ने शुरु की घूसकांड की जांच

नई दिल्लीः महुआ मोईत्रा ( Mahua Moitra) मामले में एक बड़ा ट्विस्ट आया है। पैसे लेकर सवाल पूछने के मामले में सीबीआई ने जांच शुरू कर दी है। यह जांच लोकपाल के निर्देशों पर शुरु की गई है। हालांकि जांच एजेंसी ने अभी प्रारंभिक जांच शुरु की है और सीबीआई इस मामले में जांच के […]

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Mahua Moitra: टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा फंस गईं, सीबीआई ने शुरु की घूसकांड की जांच
  • November 25, 2023 6:33 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

नई दिल्लीः महुआ मोईत्रा ( Mahua Moitra) मामले में एक बड़ा ट्विस्ट आया है। पैसे लेकर सवाल पूछने के मामले में सीबीआई ने जांच शुरू कर दी है। यह जांच लोकपाल के निर्देशों पर शुरु की गई है।

हालांकि जांच एजेंसी ने अभी प्रारंभिक जांच शुरु की है और सीबीआई इस मामले में जांच के आधार पर तय करेगी कि सांसद के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जाए या नहीं।

अभी प्रारभिक जांच होने तक एजेंसी किसी को भी गिरफ्तार नहीं करेगी लेकिन वह मामले से जुड़े लोगों से जानकारी मांग सकती है। महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) को पूछताछ के लिए बुला सकती है।

वकील जय अनंत देहाद्राई ने की थी शिकायत

इस मामले में सीबीआई में शिकायत सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहाद्राई ने दर्ज की थी। जिन्होंने आरोप लगाया था कि मोइत्रा ने संसद में प्रश्न पूछने के लिए कारोबारी दर्शन हिरानंदानी ने पैसे ली थी।

स्पीकर से शिकायत

देहाद्राई ने भाजपा सांसद को निशिकांत दुबे को भी लिखा था और दुबे के द्वारा कि गई शिकायत के आधार पर लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने मामले को आचार समिति को भेज दिया था। इसके अलावा दुबे ने लोकपाल में भी शिकायत दर्ज कराई थी।

कारोबारी दर्शन हिरानंदानी ने भी लगाए थे आरोप

पैनल को भेजे गए हलफनामे में हीरानंदानी ने आरोप लगाया था कि तृणमूल नेत्री ने एक सांसद के रूप में उनके साथ ईमेल आईडी शेयर की थी ताकि वह उन्हें जानकारी भेज सके और वह संसद में सवाल उठा सकें। उन्होंने दावा किया कि बाद में उन्होंने उन्हें अपना संसद लॉगिन और पासवर्ड दिया ताकि वह सीधे प्रश्न तैयार कर सकें।

महुआ मोइत्रा केस डिटेल

14 अक्टूबर- महुआ मोइत्रा के पूर्व दोस्त अनंत देहाद्राई ने इसी मामले में बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे को चिट्ठी लिखी।

15 अक्टूबर- बीजेपी सांसद ने महुआ मोइत्रा के खिलाफ  लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को चिट्ठी लिखकर शिकायत की।

16 अक्टूबर- निशिकांत दुबे ने केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव और राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर से महुआ के संसद अकाउंट के लॉग-इन आईडी और आईपी की जांच करने की मांग की।

17 अक्टूबर- बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे की शिकायत को स्पीकर ने एथिक्स कमेटी के पास भेज दिया। इसी दिन महुआ ने दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर की।

18 अक्टूबर – लोकसभा एथिक्स कमेटी ने नोटिस जारी कर 26 अक्टूबर को निशिकांत दुबे को कमेटी के सामने पेश होने का आदेश दिया। इसके साथ इसी दिन वकील जय अनंत देहद्राई का भी बयान लिया गया।

19 अक्टूबर- कारोबारी दर्शन हीरानंदानी का विस्फोटक कबूलनामा सामने आया। उन्होंने अपने एफिडेविट में माना कि महुआ मोइत्रा ने उन्हें अपने लोकसभा अकाउंट का लॉग-इन पासवर्ड दिया था, ताकि वो सवाल पोस्ट कर सके। हीरानंदानी ने ये भी कबूल किया कि मोइत्रा ने इसके एवज में उनसे पैसे और लग्जरी गिफ्ट्स, फॉरिन टूर की डिमांड की।

20 अक्टूबर- इसी दिन महुआ के मानहानि मामले की सुनवाई कोर्ट में हुई। अदालत ने 31 अक्टूबर की तारीख दी।

21 अक्टूबर- निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया कि महुआ मोइत्रा की संसद की आईडी दुबई से 47 बार लॉग-इन हुई है। जबकि इस दौरान वो खुद भारत में मौजूद थीं। इसके बाद एथिक्स कमेटी ने आईटी मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय से जानकारी मांगी।

27 अक्टूबर- एथिक्स कमेटी ने महुआ मोइत्रा को 31 अक्टूबर को कमेटी के सामने पेश होने को कहा। हालांकि महुआ ने पेशी के लिए 5 नवंबर के बाद की डेट मांगी। महुआ मोइत्रा ने कबूल किया कि उन्होंने हीरानंदानी को अपने संसद अकाउंट का लॉग-इन आईडी और पासवर्ड दिया था। महुआ ने आरोप लगाया कि सरकार ने दर्शन हीरानंदानी के सिर पर बंदूक रखकर एफिडेविट साइन करवाया है।

28 अक्टूबर- महुआ की गुजारिश पर एथिक्स कमेटी ने उन्हें 31 अक्टूबर की बजाय 2 नवंबर को पेश होने को कहा।

31 अक्टूबर- महुआ ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका डाल फर्जी और अपमानजनक समाग्री को मीडिया से हटाने का अनुरोध किया।

1 नवंबर- आईटी मंत्रालय की रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि महुआ का संसद अकाउंट दुबई से 47 बार लॉग इन हुआ।

2 नवंबर- 2 नवंबर को महुआ मोइत्रा संसद की आचार समिति के सामने पेश हुईं। इस दौरान बैठक में खूब हंगामा हुआ। महुआ ने बैठक बीच में छोड़ते हुए समिति के अध्यक्ष पर अपमानजनक प्रश्न पूछने का आरोप लगाया।

6 नवंबर- महुआ ने आरोप लगाया कि 7 नवंबर को होने वाली लोकसभा की एथिक्स कमेटी की बैठक इसलिए स्थगित की गई, ताकि कमेटी के मेंबर कांग्रेस सांसदों को बैठक से दूर रखा जा सके।

8 नवंबर- सूत्रों के अनुसार, मामले की जांच के बाद संसदीय एथिक्स कमेटी ने महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की । वहीं, बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने अपने एक्स हैंडल पर दावा किया है कि एंटी-करप्शन पैनल ने इसी मामले में महुआ मोइत्रा के खिलाफ सीबीआई जांच की सिफारिश की है।

9 नवंबर- महुआ पर लगे आरोपों की मसौदा रिपोर्ट पर विचार करने के लिए 9 नवंबर को एथिक्स कमेटी की बैठक हुई। कमेटी ने महुआ को गुरुवार शाम 4 बजे पेश होने को कहा था।

26 नवंबर-सीबीआई ने पीई दर्ज कर जांच शुरू की।

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