September 8, 2024
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Mahua Moitra: महुआ के खिलाफ उच्चतम न्यायालय पहुंचे लोकसभा महासचिव, निष्कासन से जु़ड़ा है मामला

  • WRITTEN BY: Sachin Kumar
  • LAST UPDATED : March 12, 2024, 11:19 am IST

नई दिल्लीः संसद में सवाल पूछने के बदले पैसे और लॉन इन पासवर्ड शेयर करने के आरोपों से घिरी महुआ पर अब लोकसभा महासचिव ने शिकंजा कसने का मन बना लिया। बता दें कि महुआ महुआ को संसद की सदस्यता से निष्कासित किया गया था। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उनको निष्कासित किया था। वहीं निष्कासन के विरोध में महुआ ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। जिसके बाद अब लोकसभा महासचिव ने महुआ की याचिका के खिलाफ शीर्ष अदालत में हलफनामा दायर किया है।

क्यों निष्कासित हुई थीं महुआ

बता दें कि महुआ पर आरोप है कि उन्होंने संसद में सवाल पूछन के लिए पैसे लिए थे। संसद की वेबसाइट का लॉगइन पासवर्ड दुबई में रह रहे अपने मित्र दर्शन हिरानंदानी को शेयर की थीं। जिसे खुद दर्शन हिरानंदानी ने कबूल किया था। इस मामले में संसद की एथिक्स कमेटी ने उनसे पूछताछ की थी। वहीं पूछताछ की रिपोर्ट ओम बिरला को सौंपा गया था। जिसके बाद रिपोर्ट के आधार पर उनको संसद से निष्कासित कर दिया गया था।

लोसकभा सचिव की याचिका में क्या

लोकसभा सचिव ने हलफनामा में कहा है कि निष्कासन के खिलाफ महुआ की याचिका सुनवाई योग्य नहीं है। ये याचिका भारत के संविधान की योजना के तहत स्वीकार्य विधायी कार्रवाई की न्यायिक समीक्षा की सीमा को पूरा नहीं करती है। अनुच्छेद 122 एक ऐसी रूपरेखा की परिकल्पना करता है जिसमें संसद को पहली बार में न्यायिक हस्तक्षेप के बिना अपने आंतरिक कार्यों और शक्तियों का प्रयोग करने की अनुमति है। क्योंकि संसद अपनी आंतरिक कार्यवाही के संबंध में संप्रभु है। एक प्रारंभिक धारणा यह भी है कि ऐसी शक्तियों का नियमित रूप से और उचित रूप से प्रयोग किया गया है। कानून या संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन नहीं किया गया है।

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