नई दिल्लीः लोकसभा सदस्यता छीने जाने के खिलाफ टीएमसी नेत्री महुआ मोइत्रा ने सोमवार को ही सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। रकम लेकर सवाल पूछने के मामले में घिरने और आचार समिति की तरफ से लोकसभा में रिपोर्ट रखे जाने के बाद सदन के अध्यक्ष ओम बिरला ने उन्हें निष्कसित कर दिया था। इसी […]
नई दिल्लीः लोकसभा सदस्यता छीने जाने के खिलाफ टीएमसी नेत्री महुआ मोइत्रा ने सोमवार को ही सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। रकम लेकर सवाल पूछने के मामले में घिरने और आचार समिति की तरफ से लोकसभा में रिपोर्ट रखे जाने के बाद सदन के अध्यक्ष ओम बिरला ने उन्हें निष्कसित कर दिया था। इसी के खिलाफ टीएमसी सांसद सुप्रीम कोर्ट पहुंची हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने पैसे लेकर सवाल पूछने के मामले में लोकसभा से निष्कासन के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस पार्टी की नेता महुआ मोइत्रा की याचिका पर सुनवाई 3 जनवरी 2024 तक टाल दिया है। बता दें कि जस्टिस संजीव खन्ना की अगुवाई वाली बेंच के सामने मामले को रखा गया था। इसके बाद इसे जनवरी तक के लिए टाल दिया गया। वहीं मोइत्रा ने बुधवार को अपनी याचिका पर जल्द से जल्द सुनवाई का अनुरोध किया था। इसके बाद भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा था कि शीर्ष अदालत तत्काल सूचीबद्ध करने के अनुरोध पर विचार करेगी।
बीते हफ्ते मोइत्रा को पैसे लेकर सवाल पूछने के मामले में लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया था। वहीं मोइत्रा ने उनके निष्कासन की सिफारिश करने वाली लोकसभा की एथ्किस कमेटी पर पर्याप्त सबूत के बिना फैसले लेने और मनमानी का आरोप लगाया है। महुआ मोइत्रा ने अपनी याचिका में अयोग्यता को चुनौती देने के साथ आचार समिति के रिपोर्ट पर चर्चा के दौरान लोकसभा में खुद का बचाव करने की अनुमति नहीं दिए जाने की बात कही है।